स्वदेशी वैक्सीन कोवैक्सीन को वैश्विक मान्यता, WHO से अब तक इन टीकों को मिली है मंजूरी
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर। कोरोना वायरस रोधी पूरी तरह से स्वदेशी टीका कोवैक्सीन को वैश्विक मान्यता मिल गई है। कोवैक्सीन लेने वालों को दीवाली का उपहार देते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इस टीके को आपातकालीन उपयोग की सूची (ईयूएल) में शामिल करने की मंजूरी दे दी है। डब्ल्यूएचओ की मान्यता मिलने के बाद कोवैक्सीन लेने वाले को अब दूसरे देशों में क्वारंटाइन नहीं होना पड़ेगा।
भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को मान्यता देने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने डब्ल्यूएचओ का आभार जताया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, ‘यह उपलब्धि सक्षम नेतृत्व और मोदी जी के संकल्प का प्रतीक, लोगों के विश्वास की कहानी और आत्मनिर्भर भारत की दीवाली है।’ डब्ल्यूएचओ की दक्षिण पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक डा. पूनम खेत्रपाल सिंह ने भी ट्वीट कर इसके लिए भारत को बधाई दी।
अब तक सात वैक्सीन को मिली मान्यता
डब्ल्यूएचओ से मान्यता वाली कोवैक्सीन दुनिया की सातवीं वैक्सीन बन गई है। इसके पहले डब्ल्यूएचओ से अमेरिका की तीन कंपनियों (फाइजर, माडर्ना और जानसन एंड जानसन), ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका और चीन की दो कंपनियों (सिनोफार्म और सिनोवैक) की वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की अनुमति मिल चुकी है। एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट कंपनी कोविशील्ड के नाम से बनाती है।