छत्तीसगढ

आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा पहुंचाने, वांछित अथवा गलत जानकारी देने वालो पर होगी कार्रवाई: डॉ भारतीदासन

रायपुर, 1 सितम्बर। शासन द्वारा आदेशों के माध्यम से कोरोना वायरस (कोविड-19) महामारी से बचाव एवं रोकथाम के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये गये है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर कॉटेक्ट ट्रेसिंग, एक्टिव सर्विलॉस, कोरोना पॉजिटिव मरीजों को अस्पताल ले जाने, कन्टेनमेंट जोन बनाने एवं अन्य दायित्व सौपत हुये कई अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी हेतु लगाई गई है। कुछ अधिकारी- कर्मचारी उन्हें सौपे गये दायित्वों के निर्वहन में रूचि नहीं ले रहे है तथा उक्त लापरवाही के साथ-साथ इंसिडेंट कमांडर के निर्देशों कि अवहेलना करते हुए अनुशासनहीनता एवं आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा कारित कर रहे है।
कलेक्टर डॉ भारतीदासन ने निर्देशित किया है कि आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा उत्पन्न करने वाले लापरवाह,अनुशासनहीन अधिकारियों-कर्मचारी को तत्काल 03 दिवस का समय देते हुए कारण बताओ नोटिस जारी कर नोटिस अनिवार्यतः तामिल कराने के निर्देश दिए है। संबंधित अधिकारी्-कर्मचारी द्वारा जवाब प्रस्तुत नहीं करने या उनके द्वारा प्रस्तुत जवाब संतोषप्रद नहीं प्रतीत होने पर उनके विरूद्ध लघु् दीर्घ शास्ति अधिरोपित करने के लिये अनुशासनात्मक कार्यवाही हेतु स्पष्ट प्रस्ताव वित्त शाखा को प्रेषित करने कहा है।यदि किसी अधिकारी-्कर्मचारी के द्वारा गंभीर लापरवाही और अनुशासनहीनता के कारण आपदा प्रबंधन कार्य में गंभीर वाधा उत्पन्न हुई हो तो ऐसे प्रकरणों में संबंधित अधिकारी कर्मचारी को उनके विरूद्ध एफ.आई.आर. दर्ज करने विषयक तथ्यों का उल्लेख करते हुए कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए।संबंधित द्वारा प्रस्तुत जवाब समाधनकारक नहीं होने या समय-सीमा में जवाब प्रस्तुत नहीं करने पर ऐसे अधिकारी-कर्मचारी के विरुद्ध संबंधित पुलिस थाना में भारतीय दण्ड संहिता, 1860 की धारा 188, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51-60, एपिडेमिक डिसीजेज एक्ट 1897 यथासंशोधित 2020 की सुसंगत धाराओं एवं राज्य शासन द्वारा जारी रेगुलेशन 2020 के अधीन एफ.आई.आर. दर्ज कराई जाए। इसी प्रकार आपदा प्रबंधन कार्य में बाधा पहुंचाने, वांछित जानकारी देने से इंकार करने, गलत जानकारी देने अथवा आपदा प्रबंधन कार्य में संलग्न अधिकारी-कर्मचारी से दुर्व्यवहार करने वाले व्यक्तियों के विरूद्ध भी उपरोक्तानुसार कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।

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