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मेहुल पर सुनवाई: अदालत का फैसला- फिलहाल कहीं नहीं भेजा जाएगा चोकसी…कैमरों पर रही पाबंदी

नई दिल्ली, 29 मई। ईस्टर्न कैरेबियन सुप्रीम कोर्ट में आज भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पर सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हैबियस कॉर्पस याचिका की सुनवाई होने तक चोकसी को कहीं नहीं भेजा जाए। मामले की अगली सुनवाई 2 जून को होगी।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने चोकसी को अपने वकील से मिलने और मेडिकल सुविधाएं देने की भी अनुमति दी है जिसमें कोविड-19 जांच भी शामिल है।

व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ चोकसी
मेहुल चोकसी अदालत में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हुआ और सुनवाई के दौरान वकील ही मौजूद रहे। चोकसी के वकीलों ने अदालत में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है। वहीं मामले की सुनवाई के दौरान कैमरों की अनुमति नहीं दी गई।

सूत्रों ने बताया कि फिलहाल चोकसी को जेल में नहीं रखा जाएगा। उसको पांच दिन के लिए क्वारंटाइन में रखा जाएगा। माना जा रहा है कि उसे होटल में रखा जा सकता है। करीब पांच दिनों के बाद चोकसी को एंटीगुआ और बारबुडा वापस भेजे जाने की उम्मीद है।

चोकसी का आरोप, अपहरण करके लाया गया
मेहुल चोकसी के वकील के मुताबिक, मेहुल ने आरोप लगाया कि उनका अपहरण कर लाया गया है। उनके साथ मारपीट भी की गई। वकीलों ने मामले में राहत के लिए अदालत में अपील दाखिल की है।

चोकसी हाल ही में एंटीगुआ और बारबूडा से फरार हो गया था और उसके खिलाफ इंटरपोल के यलो नोटिस’ के मद्देनजर पड़ोसी डोमिनिका में गिरफ्तार किया गया था। एंटीगुआ की मीडिया में बुधवार को यह खबर आई। एंटीगुआ और बारबुडा के प्रधानमंत्री गेस्टॉन ब्राउने ने कहा कि उन्होंने डोमिनिका को हीरा कारोबारी को सीधे भारत को सौंपने को कहा है।

बता दें कि भगोड़ा मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी में वांछित है। चोकसी 2017 में नागरिकता लेने के बाद 2018 से वह एंटीगुआ और बारबुडा में रह रहा था।, लेकिन वह वहां से गायब हो गया है और फिर पता चला कि उसे डोमिनिका में गिरफ्तार कर लिया गया है।

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