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नीति आयोग ने जारी की एसडीजी 2020-21 रिपोर्ट, केरल फिर अव्‍वल और बिहार फिर फिसड्डी

नई दिल्‍ली, 3 मई। नीति आयोग ने सतत विकास लक्ष्‍यों एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स एंड डेशबोर्ड 2020-21 के तीसरे संस्‍करण को जारी कर दिया है। इस रिपोर्ट के मुताबिक केरल एक बार फिर से इसमें नंबर वन के स्‍थाान पर काबिज है। वहीं बिहार पहले की ही तरह इस सूची में सबसे नीचे है। इसका सीधा सा अर्थ है कि बिहार की प्रोग्रेस रिपोर्ट और उसका प्रदर्शन बेहद खराब है। ये रिपोर्ट राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेशों की आर्थिक और पर्यावरण का आंकलन करते हुए तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में केरल को 75 अंक हासिल हुए हैं। जबकि हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु को एक समान 74 अंक हासिल हुए हैं और ये दूसरे नंबर पर काबिज हैं। सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले राज्‍यों की बात करें तो इसमें केवल बिहार ही शामिल नहीं है बल्कि असम और झारखंड भी है।

आपको बता दें कि वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट में 13 गोल, 39 टार्गेट, 62 इंडीकेटर्स शामिल थे जबकि 2019-20 में 17 गोल, 54 टार्गेट, और 100 इंडीकेटर्स को इसका मापक बनाया गया था। इसी तरह से मौजूदा रिपोर्ट में 17 गोल, 70 टार्गेट और 115 इंडीकेटर्स को किसी राज्‍य या केंद्र शासित प्रदेश की तरक्‍की का पैमाना बनाया गया था। इसी तरह 2030 के लिए 17 गोल और 169 संबंधित लक्ष्‍य का पैमाना राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए रखा गया है।

इसकी शुरुआत पहली बार 2018 में की गई थी और अब ये तीसरे वर्ष में प्रवेश कर गया है। राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इन लक्ष्‍यों की प्राप्ति के आधार पर रेंकिंग भी दी गई है। देश में इन सतत विकास के लक्ष्‍यों को पाने की दिशा में ये एक प्राइमरी टूल है। इसके जरिए राज्‍यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आपसी प्रतियोगिता बढ़ती है और आगे आने की चाह में देश विकास की राह पर आगे बढ़ता है।

नीति आयोग के उपाध्‍यक्ष डॉक्‍टर राजीव कुमार ने एसडीजी इंडिया इंडेक्‍स एंड डैशबोर्ड 2020-21: पार्टनरशिप इन द डिकेड ऑफ एक्‍शन के नाम से इस रिपोर्ट को डॉक्‍टर वीके पॉल सदस्‍य (स्‍वास्‍थ्‍य), नीति आयोग, नीति आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत और संयुक्‍ता समदर जो कि एसडीजी की सलाहकार हैं, की मौजूदगी में जारी किया है। इस रिपोर्ट को इसके प्राइमरी स्‍टेकहोल्‍डर, जिसमें राज्‍य और केंद्र शासित प्रदेश, भारत में मौजूद संयुक्‍त राष्‍ट्र की एजेंसियां, केंद्रीय मंत्रियों और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के साथ हुए विचार विमर्श के बाद तैयार किया गया है। पीआईबी की तरफ से कहा गया है कि इस रिपोर्ट में जारी आंकड़े हर किसी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते रहेंगे।

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