रायपुर, 17 अप्रैल। Achievement in Health : स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ती सेवाओं के लिए छत्तीसगढ़ राज्य को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। यह सम्मान 16 अप्रेल को यह सम्मान किया गया।
5 करोड़ से कम आबादी वाले राज्यों में रहा छत्तीसगढ़ प्रथम
स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ती सेवाओं (Achievement in Health) के लिए छत्तीसगढ़ को एक बार फिर राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। आयुष्मान भारत हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के चौथे स्थापना दिवस के अवसर पर भारत सरकार, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में 21 दिवस टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत राज्य के सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में टीबी संबंधी स्वास्थ्य सेवाओं के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ को 5 करोड़ से कम आबादी वाले राज्यों में प्रथम पुरस्कार मिला है।
‘क्षय उन्मूलन कार्यक्रम’ के राज्य नोडल अधिकारी डॉ.धर्मेन्द्र गहवई ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 24 मार्च से 13 अप्रैल तक 21 दिवस तक क्षय उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत राज्य के सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में अभियान के रूप में टीबी उन्मूलन संबंधी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की गयी। इस अभियान के दौरान घर-घर भ्रमण कर टीबी के संभावित मरीज़ों की पहचान, जांच एवं उपचार संबंधी सेवाओं के साथ टीबी से बचाव हेतु जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। अभियान के दौरान राज्य में टीबी संभावितों की स्क्रीनिंग, जाँच, पोर्टल में पंजीकरण, उपचार की पूर्णता, प्रत्येक मरीज को पांच सौ रुपये का भुगतान इत्यादि मानकों के आधार पर दिया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ को प्रथम पुरस्कार मिला है। स्वास्थ्य विभाग के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है।
2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य
भारत में 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य है, छत्तीसगढ़ (Achievement in Health) ने इससे दो वर्ष पूर्व ही वर्ष 2023 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। इस दिशा में लगातार बेहतर कार्य किए जा रहे हैं । छत्तीसगढ़ में ज़िला अस्पतालों एवं स्वास्थ्य केंद्रों में क्षय रोग का जाँच एवं उपचार नि:शुल्क़ उपलब्ध कराया जा रहा है, साथ ही निक्षय पोषण अभियान अंतर्गत क्षय रोग के मरीज़ों को पौष्टिक भोजन हेतु 500 रुपए की राशि प्रति-माह प्रदाय की जाती है। छत्तीसगढ़ में क्षय-उन्मूलन कार्यक्रम अंतर्गत टीबी के नए मरीज़ों की पहचान, जाँच, उपचार एवं रोकथाम संबंधी सेवाओं को विकेंद्रीकरण करते हुए राज्य के सभी हेल्थ एंड वेलनेस केंद्रों में उपलब्ध कराया जा रहा है।