धर्म, 12 नवंबर। Brahma Muhurta : सनातन धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को जीवन का सबसे शुभ, पवित्र और आध्यात्मिक रूप से ऊर्जावान समय बताया गया है। शास्त्रों के अनुसार, यह काल सूर्योदय से लगभग 1 घंटा 36 मिनट पहले, यानी सुबह 4 बजे से 5:30 बजे के बीच होता है। इस समय वातावरण अत्यंत शुद्ध, शांत और सात्त्विक ऊर्जा से परिपूर्ण रहता है।
क्यों खास है ब्रह्म मुहूर्त?
धार्मिक मान्यता है कि इस समय में किया गया जप, ध्यान, पाठ, या साधना कई गुना फलदायी होता है। इसे ‘अक्षय मुहूर्त’ भी कहा गया है क्योंकि इस समय किए गए पुण्य कर्म कभी नष्ट नहीं होते। ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से प्रगति करता है।
ब्रह्म मुहूर्त में करें ये शुभ कार्य
जागने के तुरंत बाद अपनी हथेलियों का दर्शन करें। क्योंकि हथेली में लक्ष्मी (धन), सरस्वती (ज्ञान) और विष्णु (कर्म) का निवास माना गया है।
इसके बाद ईष्टदेव का स्मरण करते हुए गायत्री मंत्र का जप करें- “ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम् भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्॥” यह मंत्र मन को शुद्ध करता है, विचारों को पवित्र बनाता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है।
इसके अतिरिक्त, “ॐ” का उच्चारण करें। यह ध्वनि सृष्टि का मूल नाद है, जो शरीर, मन और आत्मा को संतुलित करती है और जीवन में स्थिरता लाती है।
ब्रह्म मुहूर्त में उठने के फायदे
- बुद्धि तेज होती है, स्मरण शक्ति बढ़ती है।
- मन शांत रहता है और तनाव कम होता है।
- घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है।
- मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
- आध्यात्मिक उन्नति और ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
जो व्यक्ति नियमित रूप से ब्रह्म मुहूर्त में उठकर ईश्वर का स्मरण, ध्यान और साधना करता है, उसके जीवन में न केवल भौतिक सफलता आती है, बल्कि आत्मिक शांति भी स्थायी रूप से स्थापित होती है।

