छत्तीसगढ

CM’s 4 year journey : सेवा जतन सरोकार, न्याय के साल चार

गरियाबंद, 30 दिसंबर। CM’s 4 year journey : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने चार साल के सफर में राज्य में चंहुओर विकास की रोशनी पहुंचाने का काम किया है। शिक्षा में स्वामी आत्मानंद इंगलिश मीडियम स्कूल के स्थापना से क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहे है। वहीं किसानों हितैषी माटीपुत्र मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कर्जमाफी का अपना वादा एक घंटे में निभाकर बता दिया कि वे किसानों के सच्चे हितैषी है। साथ ही नये जिलों के निर्माण से शासन प्रशासन को जनता के करीब लाने का काम किये है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में महज 4 सालो में ही बेरोजगारी दर 1 प्रतिशत से भी कम हो गई है। सेवा जतन और सरोकार, जिस सरकार का  मूलमंत्र है, उसे वे चरितार्थ कर करे हैं। 

आदिवासियों की हिमायती सरकार

भूपेश सरकार ने (CM’s 4 year journey) आदिवासियों के विरूद्ध दर्ज प्रकरणों की वापसी करने का एक अहम निर्णय लिया। उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त माननीय न्यायाधीश ए.के पटनायक की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया है। भूपेश सरकार ने निर्णय और न्याय के साथ आदिवासी युवाओं को रोजगार मुहैया कराने की दिशा में भी अनेक कदम उठाए हैं। बस्तर और सरगुजा संभाग के लिए शिक्षकों की भर्ती अभियान, इन्हीं दोनों संभागों के लिए जिलास्तरीय एवं संभागस्तरीय तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के पदों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता देने की पहल सराहनीय है। बस्तर संभाग के सभी जिलों में ‘बस्तर फाइटर्स’ विशेष बल के तहत स्थानीय युवाओं को नौकरी दी जा रही है।

शिक्षा के क्षेत्र में दूरगामी सोच

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गरियाबंद प्रवास के दौरान (CM’s 4 year journey) जिले के विभिन्न गांवों में जाकर लोगों से सीधे रु-ब-रु हुए और सरकार की विभिन्न योजनाओं, उपलब्धियों की जमीनी हकीकत भी टटोली इस भेंट मुलाकात कार्यक्रम के तहत जब श्री बघेल देवभोग पहुंचे तब एक आमसभा में स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ने वाले छात्र आदर्श वर्धन से सवाल किया कि पहले कहां पढ़ते थे ? वहां कितनी फीस थी? अभी इस स्कूल में क्या सुविधा है ? यहाँ के शिक्षक-शिक्षिका कैसे हैं ? तब मासूम आदर्श ने बड़े ही आत्मविश्वास के साथ मुख्यमंत्री जी का जवाब फर्राटेदार अंग्रेजी में दिया। छात्र ने बताया कि इससे पहले वे जिस स्कूल में पढ़ाई करते थे, यहां हर साल 14 हजार रुपए फीस देनी पड़ती थी, लेकिन आत्मानंद स्कूल में सारी सुविधाएं निःशुल्क मिल रही हैं। इसी तरह बस्तर के धुर नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां कभी नक्सलियों की बंदूकों की गोलियां गूंजती थीं, अब वहां बच्चों की निश्छल खिलखिलाहट बिखर रही है। इसकी बानगी छिंदगढ़ में देखने को मिली। 

शासन प्रशासन को जनता के करीब लाने 6  नये जिलों का गठन

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने महज चार सालों में जिन 6 जिलों का निर्माण किया है, वहां रहने वाले आदिवासी, अनुसूचित जाति तथा पिछड़े वर्गों के सर्वांगीण विकास तो हो ही, साथ ही सांस्कृतिक, धार्मिक, ऐतिहासिक, पुरातात्विक विकास के साथ खनिज संसाधनों का समुचित लाभ भी इन जिलेवासियों को मिल सके। सड़क, बिजली, पानी, अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, राशन दुकान जैसी अधोसंरचना के साथ बुनियादी सुविधाओं का विस्तार हो और स्थानीय युवाओं को रोजगार भी आसानी से मिल सके। निश्चय ही इन तहसीलों, अनुविभागों तथा जिलों के गठन से विकास की रफ्तार गति पकड़ेगी और आम लोगों के विश्वास को बरकरार रखते हुए शासन-प्रशासन तेजी से जनहितकारी काम भी करेगा।

किसानों से किया वादा एक घंटे में निभाया

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सरकार गठन के एक घंटे के भीतर प्रदेश के किसानों के ऋण माफी की घोषणा की। मुख्यमंत्री की घोषणा से ऐसे कृषक जो वर्षों से डिफाल्टर हो जाने के कारण ऋण नहीं ले पा रहे थे, उन्हें ऋण की पात्रता मिल गई। प्रदेश में सहकारी समितियों के माध्यम से 13 लाख 46 हजार 569 किसानों का 5261.43 करोड़ रूपए का ऋण माफ कर उन्हें आर्थिक रूप से सुदृढ़ बनाने की दिशा में पहला कदम बढ़ाया। 

किसानों को धान धान बेचने में दिक्कत न हो इस लिए मोबाइल एप्प

छत्तीसगढ़ में समावेशी विकास को प्राथमिकता दी गई है, इसके लिए छत्तीसगढ़ में विकास का नया मॉडल अपनाया गया। जहां सभी वर्गों के विकास के लिए न्याय योजनाओं की शुरूआत की गई है। इस मॉडल में ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर मुख्य फोकस है। राज्य में लगभग 31 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है। समर्थन मूल्य में धान खरीदी के लिए राज्य में ढाई हजार से भी अधिक धान खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। धान खरीदी की पूरी व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत की गई है। इस व्यवस्था के माध्यम से किसानों को धान खरीदी की राशि ऑनलाइन मिल रही है। किसानों को धान बेचने में सुविधा के लिए एक मोबाईल एप ‘टोकन तंुहर हाथ‘ भी बनाया गया है। इसके माध्यम से धान खरीदी के लिए टोकन जारी किया जाता हेै इससे धान बेचने में किसानों को कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

माटी पुत्र मुख्यमंत्री ने किसानों के दर्द को समझा

छत्तीसगढ़ में खेती-किसानी में आया बदलाव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की किसान हितैषी नीतियों का परिणाम है। किसानों को समर्थन मूल्य का उचित मूल्य दिलाने के साथ ही उन्हें इनपुट सब्सिडी के रूप में राजीव गांधी किसान न्याय योजना का लाभ भी दिया जा रहा है। इस योजना के तहत धान की फसल लेने वाले किसानों को 9000 रूपए और धान के अलावा खरीफ की अन्य फसल लेने वाले किसानों को 10,000 रूपए की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को खेती-किसानी के लिए ब्याज मुफ्त ऋण की भी व्यवस्था की गई है। इन सबका परिणाम यह निकला कि जो किसान खेती-किसानी छोड़ चुके थे, वे भी अब खेती-किसानी से जुड़ रहे है। वर्ष 2018 में पंजीकृत किसानों की संख्या 16.92 लाख जो बढ़कर अब 25.12 लाख हो चुकी है।

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