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National Herald : राहुल गांधी को इडी का समन मोदी सरकार की कायरता

रायपुर, 13 जून। National Herald : कांग्रेस नेता राहुल गांधी को इडी के समन को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने मोदी सरकार की कायरता और विपक्ष की आवाज को दबाने का षडयंत्र बताते हुये कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 136 साल से इस देश के हर व्यक्ति की आवाज है। हम उस गांधी के वंशज हैं, जिन्होंने निहत्थे रहकर देश की जनता की ताकत के बल पर तानाशाही ताकत को, अंग्रेज की ताकत को हिंदुस्तान छोड़कर भाग जाने को विवश कर दिया था। हम उस पंडित नेहरु की वैचारिक सोच हैं जिन्होंने देश की आजादी के आंदोलन में 10 साल कारावास में बिताए और राष्ट्र निर्माण का संकल्प पूरा करके दिखाया।

National Herald: ED summons Rahul Gandhi to Modi government's cowardice

हम उस सरदार पटेल के उत्तराधिकारी हैं, जिन्होंने आजाद भारत को पंडित नेहरु जी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक सूत्र में पिरोया। हम उस मौलाना अबुल कलाम आजाद और डॉ. राजेंद्र प्रसाद की सोच हैं, जिन्होंने जिन्ना के विभाजनकारी एजेंडे को सिरे से खारिज कर दिया। हम उन ‘माफीवीरों’ के अनुयायी नहीं, जो आज सत्ता के सिहांसन पर बैठे हैं, जो कारागार पर, कारागार की दीवारों पर अंग्रेजों से माफीनामा लिखकर आए थे।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (National Herald) ने कहा कि मोदी सरकार ने भूल कर ली है। नेशनल हेराल्ड अखबार जिसके सहारे मोदी जी कांग्रेस के नेतृत्व को झुकाना चाहते हैं, डराना चाहते हैं, यह उसी भारत के स्वतंत्रता संग्राम की साल 1937 में स्थापित पहचान है और आवाज भी, जब आज के हुक्मरान, जब दिल्ली के सिहांसन पर आज बैठे हुक्मरान अंग्रेज की मुखबिरी कर रहे थे, तब कांग्रेस के लोग इस देश को, इस देश की मिट्टी को अपने खून और पसीने से सींच रहे थे। उन स्वतंत्रता सेनानियों की आवाज है नेशनल हेराल्ड, इसे दबाया नहीं जा सकता।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि जब नेशनल हेराल्ड अखबार और 1937 में बनी नेशनल हेराल्ड अखबार की कंपनीएसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड पर कर्ज का गंभीर संकट आया और समाचार पत्र को चलाने वाले, कठोर परिश्रम करने वाले आप जैसे पत्रकारों की तनख्वाह नहीं दी जा सकी, उनका वेतन नहीं मिल रहा था, तो साल 2002 से 2011 के बीच, दस साल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 90 करोड़ रुपए की राशि 10 साल में उस नेशनल हेराल्ड अखबार को दी। क्या पत्रकारों की तनख्वाह देना अपराध हो सकता है? भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक राजनीतिक दल है और एक राजनीतिक दल किसी भी समाचार पत्र या कंपनी के शेयर नहीं ले सकता। इसलिए, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने, हमने ‘यंग इंडियन’ के नाम से एक गैर-लाभकारी कंपनी (नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी) को नेशनल हेराल्ड व एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड के उस 90 करोड़ की एवेज में शेयर दे दिए, ताकि कंपनी का कर्ज खत्म हो सके, अखबार का कर्ज खत्म हो सके।

इस 90 करोड़ में से आज ये जानना जरुरी है, इस 90 करोड़ रुपए में से 67 करोड़ रुपए नेशनल हेराल्ड अखबार के पत्रकारों और कर्मियों को तनख्वाह और वीआरएस के लिए दिए गए हैं। क्या कर्मचारियों की तनख्वाह देना, क्या पत्रकारों की तनख्वाह देना अब इस देश में अपराध हो गया है और 90 करोड़ में 67 करोड़ छोड़ दें तो बाकी का पैसा भारत सरकार को दिया गया है, जो लीज मनी था, उसके तौर पर, बिजली के बिल के तौर पर दिया गया है, बिल्डिंग के एक्सपेंसिस के तौर पर दिया गया है। क्या भारत सरकार का देय देना अब इस देश में अपराध हो गया है? हमने मोदी सरकार की तरह देश की संपत्ति, जो 70 साल में बनाई थी, अपने मित्रों को औने दृपौने दाम पर नहीं बेच डाली। नेशनल हेराल्ड की मालिक 1937 में भी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड थी और आज 13 जून, 2022 को भी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड है। नेशनल हेराल्ड की संपत्ति का एक इंच ना किसी को बेचा गया, ना दिया गया। क्या ये अपराध है? अगर ये अपराध है, तो ये करना जरुरी है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम (National Herald) ने कहा कि अपनी असफलताओं पर झल्लाई हुई हुकूमत को आज हम बता दें कि हम राष्ट्रीय विरासत को बचाए रखने के लिए कल भी दृढ़ संकल्पित थे और आज भी दृढ़ संकल्पित हैं। हम अडिग हैं, आज भी अडिग हैं और कल भी रहेंगे। हम आज भी निडर हैं, कल भी रहेंगे। आपके यह झूठे मुकदमे और जो बंदर घुड़कियां हैं, इनसे कोई डरने वाला नहीं। मोदी सरकार जितना चाहे तिलमिला लें। आप जितना चाहे मुकदमे चला लें। हम कांग्रेस के करोड़ों कार्यकर्ता जनता की आवाज को उठाते रहेंगे, जिसका दर्द आपको है। हम महंगाई और बेरोजगारी के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहेंगे, जो तकलीफ आपको है। हम देश की 70 साल की संपत्ति को बेचने की लूट के खिलाफ बुलंद आवाज बने रहेंगे, जिसकी आपको तकलीफ है। हम व्यापक भ्रष्टाचार, जो आपने फैला रखा है और जब देश के प्रधानमंत्री ही एक कंपनी के एजेंट के तौर पर कभी फ्रांस और कभी श्रीलंका में वो अपनी बात रखेंगे, कंपनियों के एजेंट के तौर पर, इसके खिलाफ हम आवाज उठाते रहेंगे, जिस पर हम अडिग हैं। हम आपको बार-बार एक्सपोज करेंगे। हम मध्यम वर्ग व गरीब की आवाज बने रहेंगे, यही कांग्रेस है और यही हमारा धर्म है और हम ये निभाएंगे।

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