छत्तीसगढ

मनरेगा में मजदूरी मद के लिए 2020-21 में कुल 3545.34 करोड़ रूपए स्वीकृत

रायपुर,1 अप्रैल। प्रदेश में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों के मजदूरी भुगतान के लिए वित्तीय वर्ष 2020-21 में कुल 3545 करोड़ 34 लाख 47 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं। भारत सरकार द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष (2020-21) में मजदूरी मद में 3354 करोड़ 21 लाख 66 हजार रूपए की मंजूरी दी गई है। वहीं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा मनरेगा के अंतर्गत 50 अतिरिक्त दिनों के रोजगार के मजदूरी भुगतान के लिए 191 करोड़ 12 लाख 81 हजार रूपए स्वीकृत किए गए हैं। 1 अप्रैल 2020 से अब तक मनरेगा श्रमिकों को कुल 3496 करोड़ 74 लाख 81 हजार रूपए का मजदूरी भुगतान किया गया है। देश में वर्ष 2006-07 में मनरेगा के अस्तित्व में आने के बाद से 31 मार्च 2021 को समाप्त हुए पिछले वित्तीय वर्ष में मजदूरी मद में प्रदेश के लिए सर्वाधिक राशि स्वीकृत हुई है।

गांवों में रोजगार के पर्याप्त अवसर सुनिश्चित करने और कोरोना काल में देश के विभिन्न शहरों से बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी मजदूरों को मनरेगा के तहत काम देने के लिए पिछले वित्तीय वर्ष के दौरान प्रदेश भर में व्यापक स्तर पर काम संचालित किए गए। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित लेबर बजट का लक्ष्य हासिल करने में तेजी एवं ज्यादा रोजगार की जरूरत को देखते हुए भारत सरकार से रोजगार सृजन का लक्ष्य बढ़ाने का आग्रह किया था। उनके आग्रह पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने प्रदेश के लेबर बजट में दो बार बढ़ोतरी की थी।

अगस्त-2020 में वर्ष 2020-21 के लिए लेबर बजट के शुरूआती लक्ष्य 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस में एक करोड़ 50 लाख मानव दिवस की वृद्धि करते हुए 15 करोड़ मानव दिवस का संशोधित लक्ष्य निर्धारित किया गया था। राज्य की मांग पर मार्च-2021 में इसे और संशोधित करते हुए दो करोड़ मानव दिवस की बढ़ोतरी के साथ कुल 17 करोड़ मानव दिवस रोजगार सृजन की मंजूरी दी गई थी। छत्तीसगढ़ शासन की लगातार कोशिशों से पिछले वित्तीय वर्ष में प्रदेश में तीन करोड़ 50 लाख अतिरिक्त मानव दिवस रोजगार की स्वीकृति मिली। इससे बड़ी संख्या में प्रदेश लौटे प्रवासी श्रमिकों को भी तत्काल रोजगार उपलब्ध कराया जा सका।

मनरेगा के तहत बढ़े हुए काम से मजदूरी के रूप में ग्रामीण श्रमिकों के हाथों में ज्यादा राशि पहुंची और गांवों की अर्थव्यवस्था सशक्त हुई। छत्तीसगढ़ में पिछले वित्तीय वर्ष में मनरेगा के अंतर्गत 18 करोड़ 15 लाख 87 हजार 012 मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। इस दौरान 30 लाख 55 हजार 453 परिवारों के 60 लाख तीन हजार 678 श्रमिकों को काम दिया गया। वहीं पांच लाख 92 हजार 050 परिवारों को 100 दिनों से अधिक का रोजगार मुहैया कराया गया।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button