छत्तीसगढ

समर्थन मूल्य पर धान खरीदी: किसानों को बारदाने के लिए अब तक 87.42 करोड़ रूपए का भुगतान

रायपुर, 10 जनवरी। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए किसानों द्वारा उपार्जन केन्द्रों को उपलब्ध कराए गए 69 हजार गठान बारदाने की शत-प्रतिशत राशि का भुगतान कर दिया गया है। किसानों को बारदाने के लिए प्रति नग 25 रूपए के मान से कुल 87 करोड़ 42 लाख रूपए का भुगतान अब तक किया गया है।

यहां यह उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केन्द्र से धान खरीदी के लिए राज्य को मिलने वाले बारदाने की कमी को देखते हुए धान खरीदी में किसी भी तरह की किसानों को असुविधा न हो, इसके लिए धान खरीदी के शुरूआती दिन से ही किसानों को अपने बारदाने में उपार्जन केन्द्र में धान विक्रय हेतु लाने की सुविधा प्रदान की थी।

मुख्यमंत्री ने किसानों द्वारा धान खरीदी के लिए उपलब्ध कराए जाने बारदाने का मूल्य भी 18 रूपए से बढ़ाकर 25 रूपए करने की घोषणा की थी। किसानों के हित को देखते हुए उन्होंने बारदाने की राशि का भुगतान भी धान की राशि के साथ करने के निर्देश दिए थे।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि समर्थन मूल्य पर केन्द्र सरकार द्वारा पर्याप्त नये जूट बारदाने उपलब्ध ना कराये जाने के बावजूद भी राज्य में अब तक लगभग 67.71 लाख मीटरिक टन धान की सुगमता पूर्वक खरीदी की जा चुकी है। जिसमें किसानों द्वारा प्रदाय किए गए लगभग 69 हजार गठान बारदाने उपयोग हुआ है। खरीफ विपणन वर्ष 2021-22 में खरीदी में अब तक प्रयुक्त समस्त किसान बारदानों के लिए 25 रू. प्रति नग की दर से लगभग 87.42 करोड़ रूपए का भुगतान भी किसानों को किया जा चुका है।

वर्तमान में किसान बारदानों हेतु कृषकों को कोई भी राशि भुगतान हेतु शेष नहीं है। गौरतलब है कि खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान उपार्जन हेतु भारत सरकार द्वारा नये जूट बारदानों की न्यून आपूर्ति के कारण राज्य सरकार द्वारा किसानों की सुविधा के दृष्टिकोण से नये जूट बारदानों के साथ पीडीएस, मिलर्स एवं किसानों द्वारा लाए गए बारदानों में भी धान खरीदी की अनुमति दी गई है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने यह भी बताया कि पिछले खरीफ वर्ष 2020-21 में भी नये जूट बारदानों की कम आपूर्ति के कारण राज्य के किसान भाईयों ने स्वयं का बारदाना उपलब्ध कराने में बढ़चढ़कर सहयोग किया था, बीते साल धान खरीदी के लिए किसानों ने लगभग 81 हजार गठान बारदाने उपलब्ध कराए थे। किसानों द्वारा उपलब्ध कराए गए बारदाने की राशि 60 करोड़ 77 लाख रूपए का भुगतान भी उन्हें किया गया था।

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