सामान्य सभा : गोलबाजार देश के लिए बनेगा उदाहरण…नहीं होगा टेंडर
रायपुर, 23 जुलाई। रायपुर में आज सामान्य सभा की बैठक रखी गई थी। कोरोना संक्रमण काल की वजह से लंबे समय के बाद रायपुर नगर निगम की सामान्य सभा आज आहूत की गई। बैठक निर्धारित समय पर शुरू हुआ, लेकिन कार्रवाई में दो निर्दलीय पार्षदों ने अडग़ा डाल दिया। पार्षद अमर बंसल और गोपीश साहू ने अपनी बैठक व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर दिया और स्थान परिवर्तन की मांग की।
मालिकाना हक पाने 102 फीसदी का करना होगा भुगतान
नगर निगम ( Samanya Sabha ) को शासन से मालिकाना हक में प्राप्त गोलबाजार की भूमि का बंदोबस्त एवं आबंटन का एजेंडा चर्चा के लिए लाया गया। नगर निगम को 1 रुपए टोकन मनी पर मिले गोलबाजार क्षेत्र में छोटे बड़े व्यवसायी मिलाकर करीब 1000 व्यापारी व्यवसाय करते हैं। जिनसे नगर निगम को किराए के रूप में एक साल में केवल 70 लाख रुपए मिलते हैं।
जबकि इस क्षेत्र में संपत्ति कर की राशि ज्यादा मिल सकती है। इसलिए नगर निगम वित्तीय स्थिति मजबूत करने व्यापारियों को उनके स्थल पर ही निर्माण सहित विक्रय दुकानों का मालिकाना हक देने के लिए 102 फीसदी पेमेंट लेंगे।
भाजपा को भी लिया आड़े हाथ
सामान्य सभा खत्म होने पर मीडिया से बात करते हुए महापौर एजाज ढेबर भाजपा पार्षदों (Samanya Sabha) को भी लिया आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी के 15 वर्षों के शासनकाल में कई शिविर लगाएं है। विपक्ष होने के नाते हमने हर शिविर में करीब 5 से 7 हजार आवेदन जनहित में लगाए, लेकिन एक काम भी पूरा नहीं किया गया। आज हमारी सरकार भी शिविर लगाती है और उसमें काम होते देख विपक्ष बौखलाया हुआ है।
तुहर सरकार तुहर द्वार पर बोले
तुहर सरकार तुहर द्वार के तहत वार्डों में श्रम कार्ड शिविर का आयोजन किया था, उस समय काफी अव्यवस्था देखने को मिला। पुराने श्रम कार्डधारियों को ही दुबारा मिला, नए लोगों का कार्ड नहीं मिल पाया। इसके जबाव में ढेबर ने कहा कि आरोप-प्रत्यारोप चलते रहता है। अगर ऐसा हुआ होता तो तुहर सरकार तुहर द्वार कार्यक्रम इतना सफल नहीं होता। पूरे प्रदेश में सफलता हासिल किया, क्योंकि ये जनहित से जुड़ा मुद्दा है और जनता से इसका वास्ता है।
लंबे समय बाद हुई सामान्य सभा
6 नवंबर 2020 को नगर निगम के अंतिम बार सामान्य सभा की बैठक हुई थी। उसके बाद कोरोना वायरस के कारण सामान्य सभा (Samanya Sabha) स्थगित कर दी गई थी। पिछले दिनों भाजपा पार्षद दल की बैठक में यह आरोप लगाया गया था कि कांग्रेस बहुमत वाले रायपुर नगर निगम में विकास से संबंधित एक भी मुद्दा नहीं है। करीब 8 माह बाद हुए नगर निगम के सामान्य सभा 21 एजेंड़े पर चर्चा होना था नहीं हो पाया।