नई दिल्ली

Mother and Son Suicide : दुखद…! मानसिक बीमार बेटे के साथ मां ने 13वीं मंजिल से कूदकर की आत्महत्या…सुसाइड नोट कर देगा भावुक

ग्रेटर नोएडा वेस्ट, 14 सितंबर। Mother and Son Suicide : ग्रेटर नोएडा वेस्ट ऐस सिटी सोसाइटी में शनिवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां एक महिला ने अपने 11 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार बेटे के साथ 13वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली। मृतकों की पहचान साक्षी चावला (37) और दक्ष चावला (11) के रूप में हुई है।

घटना की जानकारी मिलते ही बिसरख कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। फ्लैट से एक डायरी बरामद हुई है जिसमें आत्महत्या का कारण बेटे की बीमारी को बताया गया है। साक्षी ने सुसाइड नोट में लिखा – “हम दुनिया छोड़ रहे हैं… सॉरी। हमारी मौत का जिम्मेदार कोई नहीं है।”

बेटे की बीमारी बनी आत्महत्या की वजह

साक्षी के पति दर्पण चावला गुरुग्राम की एक कंपनी में चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं और मूल रूप से उत्तराखंड के काशीपुर के रहने वाले हैं। वे परिवार के साथ ऐस सिटी सोसाइटी के ई-टावर फ्लैट नंबर 1309 में रह रहे थे। बेटा दक्ष बचपन से मानसिक रूप से बीमार था और उसका इलाज भी लगातार चल रहा था। जानकारी के मुताबिक, दक्ष स्कूल नहीं जाता था और उसकी दिनचर्या दवाओं पर ही निर्भर थी।

आत्महत्या से पहले दी बेटे को दवाई, फिर लगाई छलांग

शनिवार सुबह करीब 9 बजे दर्पण ने पत्नी को बेटे को दवाई देने के लिए जगाया और खुद दूसरे कमरे में जाकर आराम करने लगे। करीब 10 बजे साक्षी बेटे के साथ फ्लैट से बाहर निकलीं और लिफ्ट के पास स्थित शाफ्ट की ओर जाकर छलांग लगा दी। नीचे गिरते ही दोनों की मौके पर ही मौत हो गई।

रेलिंग के पास मिली कुर्सी, पहले बेटे को धक्का फिर खुद कूदी

पुलिस जांच में सामने आया कि 13वीं मंजिल की करीब चार फीट ऊंची रेलिंग के पास एक कुर्सी रखी हुई थी। आशंका जताई जा रही है कि साक्षी ने पहले बेटे को कुर्सी पर खड़ा कर नीचे धक्का दिया और फिर खुद छलांग लगा दी।

सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग की जांच जारी

पुलिस को घटना का कोई CCTV फुटेज नहीं मिला है, हालांकि साक्षी की लिखी डायरी से आत्महत्या की पुष्टि हो रही है। पुलिस ने सुसाइड नोट की हैंडराइटिंग और घटनास्थल की परिस्थितियों की गहन जांच शुरू कर दी है। मृतका के परिजनों और सोसाइटी निवासियों से भी पूछताछ की जा रही है।

पड़ोसी को बोली मेरी जिंदगी बहुत मुश्किल

पड़ोसियों के मुताबिक, साक्षी अक्सर कहती थीं कि उनका जीवन बेहद मुश्किल हो गया है। बेटे की हालत को लेकर वे मानसिक रूप से टूट चुकी थीं। परिवार बेहद शांत स्वभाव का था और पति-पत्नी में किसी प्रकार का मतभेद नहीं था।

शव पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपे गए

पोस्टमॉर्टम के बाद साक्षी और दक्ष के शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं, जिन्हें उत्तराखंड स्थित पैतृक गांव ले जाया गया। फिलहाल मामले में कोई आपराधिक एंगल सामने नहीं आया है, लेकिन पुलिस सभी पहलुओं की जांच कर रही है।

शांत स्वभाव का परिवार

पड़ोसियों के अनुसार, साक्षी और दर्पण का परिवार बेहद शांत और सौम्य स्वभाव का था। पति-पत्नी के बीच किसी भी तरह का झगड़ा या मनमुटाव कभी देखने को नहीं मिला। साक्षी एक गृहिणी थीं और पूरा ध्यान बेटे की देखभाल में लगाती थीं। बेटा दक्ष भी मां-पिता के बिना कभी घर से बाहर नहीं निकलता था। जब भी बाहर जाता था, तो माता-पिता उसका हाथ पकड़े रहते थे।

शव उत्तराखंड रवाना

पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों शव (Mother and Son Suicide) परिजनों को सौंप दिए गए हैं, जिन्हें उनके पैतृक स्थान गढ़ी नेगी, काशीपुर (उत्तराखंड) ले जाया गया। फिलहाल पुलिस इस मामले में आत्महत्या की पुष्टि कर रही है लेकिन अन्य कोणों से भी जांच की जा रही है।

शक्ति मोहन अवस्थी, डीसीपी सेंट्रल ने बताया, मौके से सुसाइड नोट मिला है। बेटे की बीमारी से मां मानसिक रूप से परेशान थी। दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया गया है। जांच जारी है।

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