Rationalization : बिलासपुर में युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षकों की पदस्थापना पर सख्ती…! केवल दो मामलों में ही मिला अपवाद

बिलासपुर, 15 सितंबर। Rationalization : बिलासपुर जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के बाद शासकीय स्कूलों में पदस्थापन को लेकर जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) ने सख्त रुख अपनाया है। DEO कार्यालय से स्पष्ट निर्देश जारी किए गए हैं कि नियम विरुद्ध किसी भी अतिशेष शिक्षक की पदस्थापना में बदलाव नहीं किया जाएगा और सभी शिक्षक आबंटित विद्यालय में समय पर उपस्थिति दर्ज कराएं, अन्यथा वेतन रोकने से लेकर निलंबन तक की कार्रवाई की जाएगी।
केवल दो मामलों को दी गई मंजूरी
DEO बिलासपुर ने जानकारी दी कि युक्तियुक्तकरण के बाद सिर्फ दो शिक्षकों की पदस्थापनाएं परिवर्तित की गई हैं, और ये बदलाव जिला एवं संभागीय स्तरीय समितियों की अनुशंसा और उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद ही हुए हैं। शेष सभी पदस्थापनाएं राज्य शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और नियमों के अनुरूप की गई हैं।
शिक्षकों को निर्देश
जिन शिक्षकों की नई पदस्थापना हुई है, उन्हें तत्काल प्रभाव से संबंधित स्कूल में ज्वाइनिंग देने को कहा गया है। बिना कारण अनुपस्थित रहने वाले शिक्षकों के खिलाफ वेतन रोकने और अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। दूरस्थ क्षेत्रों में भी कई शिक्षक ज्वाइन कर चुके हैं, जिससे स्पष्ट है कि प्रक्रिया को व्यापक रूप से स्वीकार किया गया है।
न्यायालयीन प्रकरणों का विवरण
- धीरेन्द्र कुमार पाण्डे (छतौना शाला)
- स्थानांतरण के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी।
- कोर्ट के निर्देश पर जिला स्तरीय समिति ने अभ्यावेदन अमान्य कर दिया।
- पुनः कोर्ट की टिप्पणी के बाद प्रकरण को मान्य किया गया।
- कुलदीप सिंह सलुजा (उरैहापारा नगौई)
- अतिशेष सूची में नाम था, स्थानांतरण संजय नगर (मस्तूरी) किया गया।
- याचिका पर कोर्ट ने जिला समिति में अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।
- जिला समिति ने अभ्यावेदन अमान्य किया, लेकिन संभागीय समिति ने सूक्ष्म परीक्षण के बाद प्रकरण को मान्य किया।
DEO का स्पष्ट संदेश
DEO बिलासपुर ने दोहराया कि अब युक्तियुक्तकरण के बाद किसी भी पदस्थापना में जिला स्तर पर बदलाव नहीं किया जाएगा। केवल न्यायालयीन निर्देश या समिति की सिफारिश पर ही अपवाद संभव होगा। अधिकतर अभ्यावेदनों को समिति ने अमान्य कर दिया है।
बिलासपुर जिले में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (Rationalization) को लेकर नियमबद्ध और पारदर्शी प्रक्रिया अपनाई गई है, और जिला प्रशासन इस प्रक्रिया में अनुशासन बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षक संगठनों और अधिकारियों को भी अब स्पष्ट संकेत दे दिया गया है कि अनुचित दबाव या व्यक्तिगत सिफारिशों से पदस्थापन नहीं बदले जाएं