CG NEWS: ACI records the sixth case in the country and the first case in a government institution for Beckman Total Physiological Pacing; Chhattisgarh achieves historic success; first case of lead placement in the right atrium or Beckman bundleCG NEWS

रायपुर, 25 सितम्बर। CG NEWS : प्रदेश में आधुनिक चिकित्सा विज्ञान की उत्कृष्टता का प्रतीक, प्रदेश का सबसे पुराना और सबसे बड़ा पंडित जवाहरलाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय तथा इससे संबद्ध डॉ. भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय के डॉक्टरों की टीम ने जटिल उपचारों में लगातार ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए हैं जिन पर हर किसी को गर्व हो सकता है। ताज़ा उदाहरण एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट (एसीआई) के कार्डियोलॉजी विभाग में हुआ, जहाँ 68 वर्षीय महिला मरीज पर देश का छठा और किसी भी सरकारी संस्थान का पहला बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग सफलतापूर्वक किया गया।

डॉक्टरों के अनुसार यह जटिल प्रक्रिया अब तक एम्स दिल्ली और पीजीआई चंडीगढ़ जैसे शीर्ष संस्थानों में भी नहीं की गई थी। बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का अर्थ है – हृदय की धड़कन को पूरी तरह प्राकृतिक कंडक्शन सिस्टम (conduction system) के जरिए नियंत्रित करना, ताकि मरीज को लंबे समय तक स्थिर और सुरक्षित हृदय गति मिल सके।

यहां ध्यान देने योग्य है कि अब तक एसीआई और अन्य सरकारी कार्डियक संस्थानों में लेफ्ट बंडल या हिज़ बंडल में लीड लगाने के कई केस हो चुके हैं, लेकिन राइट एट्रियम यानी बैकमैन बंडल में लीड लगाने का यह पहला मामला है। इससे हृदय के दोनों चैम्बर्स की धड़कनें प्राकृतिक विद्युत मार्ग (conduction system) से संचालित होती रहती हैं।

एसीआई के कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने बताया कि रायपुर निवासी यह मरीज सिक साइनस सिंड्रोम नामक गंभीर हृदय रोग से पीड़ित थी। इस रोग में हृदय को धड़कन देने वाली कोशिकाएँ (पेसमेकर कोशिकाएँ) क्षतिग्रस्त हो जाती हैं और धड़कन अनियमित हो जाती है। सामान्यतः ऐसे मामलों में वेंट्रिकुलर या लेफ्ट बंडल पेसिंग की जाती है, लेकिन इस मरीज का हृदय कमजोर था और एट्रियल रिद्म भी अनियमित थी। केवल वेंट्रिकुलर पेसिंग करने से हार्ट फेल्योर और तेज धड़कन का खतरा था।

इसी कारण एसीआई की टीम ने बैकमैन टोटल फिजियोलॉजिकल पेसिंग का निर्णय लिया। इस प्रक्रिया में हृदय की प्राकृतिक विद्युत संरचना के एट्रियम भाग में पेसमेकर की लीड लगाई गईं। यह तकनीक हृदय को उसके स्वाभाविक ढंग से धड़कने में मदद करती है और हार्ट फेल्योर का जोखिम बेहद कम कर देती है।

इस तरह संपन्न हुई प्रक्रिया

सबसे पहले लेफ्ट बंडल की स्थिति का इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी मैपिंग किया गया। फिर ठीक उसी तरह राइट एट्रियम के बैकमैन बंडल की मैपिंग कर लीड इंप्लांट की गई। इस तरह पूरा पेसिंग सिस्टम प्राकृतिक ढंग से काम करने लगा।

उपचार करने वाली टीम में कार्डियोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. स्मित श्रीवास्तव, डॉ. एस. के. शर्मा, डॉ. कुणाल ओस्तवाल, डॉ. अनुराग कुजूर और डॉ. वेद प्रकाश शामिल थे। यह उपचार मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत किया गया, जिसमें योजना का लाभ दिलाने में मेडिको सोशल वर्कर खोगेंद्र साहू का विशेष योगदान रहा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट द्वारा किया गया यह सफल उपचार छत्तीसगढ़ की चिकित्सा सेवाओं के उच्च स्तर और निरंतर प्रगति का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल अब केवल सामान्य उपचार तक सीमित नहीं है, बल्कि विश्वस्तरीय जटिल प्रक्रियाओं को भी सफलतापूर्वक अंजाम दे रहा है। मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों की टीम को साधुवाद देते हुए कहा कि यह उपलब्धि न केवल मरीजों के जीवन को नई आशा देती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि सरकारी संस्थान चिकित्सा विज्ञान में नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट, रायपुर द्वारा किया गया यह जटिल उपचार प्रदेश के स्वास्थ्य ढांचे की मजबूती और चिकित्सकों की उत्कृष्ट क्षमता का परिचायक है। उन्होंने कहा कि अब छत्तीसगढ़ के मरीजों को अत्याधुनिक कार्डियक प्रक्रियाओं के लिए महानगरों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। प्रदेश सरकार का प्रयास है कि हर नागरिक को मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से निःशुल्क और उच्चस्तरीय चिकित्सा सुविधाएँ उपलब्ध हों। स्वास्थ्य मंत्री ने चिकित्सक दल को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय चिकित्सा मानचित्र पर और अधिक प्रतिष्ठित करेगी। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 में इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी के सर्वाधिक मामलों के उपचार में एसीआई देशभर में पाँचवें स्थान पर रहा है।

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