INDIA World Cup : भारत ने रचा इतिहास…! हरमन का दांव…शेफाली का कमाल…महिला टीम पहली बार बनी वर्ल्ड चैंपियन…साउथ अफ्रीका को 52 रनों से दी मात
मुंबई, 03 नवंबर। INDIA World Cup : भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने इतिहास रच दिया है। रविवार को डीवाई पाटिल स्पोर्ट्स एकेडमी, नवी मुंबई में खेले गए फाइनल मुकाबले में भारत ने साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप अपने नाम कर लिया।
भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 299 रनों का लक्ष्य दिया था, जिसके जवाब में साउथ अफ्रीकी टीम 45.3 ओवर में 246 रन बनाकर ऑलआउट हो गई।
हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत का स्वर्णिम पल
भारतीय कप्तान हरमनप्रीत कौर ने एक साहसिक फैसला लेकर मैच की दिशा ही बदल दी। साउथ अफ्रीका जब मजबूत स्थिति में दिखाई दे रही थी, तब हरमन ने पार्टटाइम स्पिनर शेफाली वर्मा को गेंद सौंपी और यही पल भारतीय जीत की नींव बन गया।
20वें ओवर के बाद जब शेफाली को गेंद दी गई, तो उन्होंने अपनी दूसरी ही गेंद पर सुने लुस को कॉट एंड बोल्ड आउट किया और अगले ही ओवर में एनेके बॉश का विकेट झटक लिया। इन दो झटकों ने साउथ अफ्रीका की लय तोड़ दी और भारत ने मुकाबले पर पकड़ बना ली।
हरमनप्रीत बोलीं
मैच के बाद हरमनप्रीत कौर ने कहा, मुझे अंदर से महसूस हुआ कि शेफाली को गेंदबाजी करनी चाहिए। जब मैंने उससे पूछा कि क्या वो तैयार है, उसने तुरंत हां कहा। उसका आत्मविश्वास और टीम के लिए कुछ कर दिखाने का जज्बा ही इस जीत की कुंजी रहा।
हरमन ने यह भी खुलासा किया कि जब शेफाली ने टीम जॉइन की थी, तो उसने कहा था, अगर टीम को जरूरत हो तो मैं 10 ओवर भी डाल दूंगी।
शेफाली वर्मा बनीं ‘प्लेयर ऑफ द मैच’
शेफाली ने 7 ओवरों में 36 रन देकर 2 विकेट झटके और बल्ले से भी शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने 78 गेंदों पर 87 रन बनाए, जिसमें 7 चौके और 2 छक्के शामिल थे। उनके ऑलराउंड प्रदर्शन की बदौलत उन्हें ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ चुना गया।
दिलचस्प बात यह रही कि शेफाली वर्ल्ड कप स्क्वॉड का हिस्सा शुरू में नहीं थीं। प्रतीका रावल के चोटिल होकर बाहर होने के बाद उन्हें नॉकआउट चरण में टीम में शामिल किया गया था और उन्होंने इस मौके को ऐतिहासिक बना दिया।
पहली बार महिला विश्व कप चैंपियन बना भारत
इस जीत के साथ भारतीय महिला क्रिकेट टीम (INDIA World Cup) ने अपना पहला वनडे वर्ल्ड कप खिताब जीता है। स्टेडियम में मौजूद दर्शक भारतीय टीम की इस ऐतिहासिक जीत के साक्षी बने।
भारत की इस उपलब्धि को न केवल भारतीय क्रिकेट बल्कि महिला खेलों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा।



