History-sheeter Virendra Tomar: Loaded with gold...now behind bars...! Raipur police shattered his pride...all his arrogance vanished...he fell unconscious during the procession...watch the video hereHistory-sheeter Virendra Tomar

रायपुर, 09 नवंबर। History Sheeter Virendra Tomar : राजधानी रायपुर की पुरानी बस्ती पुलिस और क्राइम ब्रांच को बड़ी सफलता मिली है। बीते 2 जून से फरार चल रहा कुख्यात सूदखोर और हिस्ट्रीशीटर वीरेंद्र तोमर आखिरकार पुलिस के शिकंजे में आ गया। टीम ने उसे मध्यप्रदेश के ग्वालियर के विंडसर हिल्स सोसायटी से गिरफ्तार किया, जहां वह किराए के फ्लैट में फर्जी नाम से छिपकर रह रहा था।

वीरेंद्र बेहोश होकर जमीन पर गिरा

पुलिस ने वीरेंद्र तोमर को रायपुर लाकर भाठागांव इलाके में जुलूस निकाला, ताकि अपराधियों में डर का संदेश जाए। गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने कहा कि, कानून के शिकंजे से कोई नहीं बच सकता, चाहे वह कितना भी रसूखदार क्यों न हो।

सिविल थाने से तोमर को पुरानी बस्ती थाना लाया गया, जहां से मठपारा लेजाकर उसका जुलूस निकाला जा रहा है। जुलूस के दौरान वीरेंद्र बेहोश होकर जमीन पर गिर रहा था, जिसे पुलिसकर्मियों ने संभाला, जिसके बाद उसे गाड़ी में बैठाकर ले जाया गया। जल्द ही पुलिस प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पूरे मामले में जानकारी सार्वजनिक करेगी।

क्राइम ब्रांच और पुरानी बस्ती पुलिस की संयुक्त कार्रवाई

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, वीरेंद्र तोमर के खिलाफ मारपीट, हत्या की कोशिश, जबरन वसूली, सूदखोरी और ब्लैकमेलिंग जैसे कई गंभीर अपराध दर्ज हैं। उसकी गिरफ्तारी के लिए एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह ने 5 हजार रुपए का इनाम भी घोषित किया था।

ग्वालियर से पकड़े जाने के बाद आरोपी को रायपुर लाकर क्राइम ब्रांच के दफ्तर में पूछताछ की जा रही है। इसके बाद उसे अवकाशकालीन कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया जाएगा।

हाईकोर्ट से भी नहीं मिली राहत

वीरेंद्र तोमर और उसका भाई रोहित तोमर, दोनों पर तेलीबांधा थाना क्षेत्र में एक कारोबारी से मारपीट और धमकी देने का मामला दर्ज था। एफआईआर के बाद दोनों भाई दो जून से फरार थे। पुलिस की लगातार दबिश के बावजूद वे गिरफ्तारी से बचते रहे।

हाल ही में हाईकोर्ट ने दोनों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी, जिसके बाद पुलिस ने सर्च ऑपरेशन तेज कर दिया। इसी बीच सुराग मिला कि वीरेंद्र ग्वालियर में छिपा है। पुलिस ने तकनीकी निगरानी से उसकी लोकेशन ट्रेस की और घेराबंदी कर धर दबोचा।

राजस्थान, यूपी में भी बदलता रहा ठिकाने

जांच में खुलासा हुआ है कि फरारी के दौरान वीरेंद्र उत्तरप्रदेश और राजस्थान (History-sheeter Virendra Tomar) के कई शहरों में छिपता रहा। गिरफ्तारी से बचने के लिए उसने कई बार सिम कार्ड और ठिकाने बदले। अंततः ग्वालियर में रिश्तेदार के घर ठहरने की जानकारी पुलिस को मिली और क्राइम ब्रांच की टीम ने दबिश देकर उसे पकड़ लिया।

भाई अब भी फरार

पुलिस के अनुसार, वीरेंद्र का छोटा भाई रोहित तोमर अब भी फरार है। उसकी तलाश में पुलिस की कई टीमें लगी हुई हैं। दोनों भाइयों के खिलाफ दर्ज मामलों में सूदखोरी, जबरन वसूली और धमकी देकर जमीन हड़पने जैसे संगीन आरोप शामिल हैं।

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