Dropout Children: TCs for RTE students will now be issued only with the permission of the nodal principal! Dropouts will be counseled... action will be taken on complaints of harassment.Dropout Children

बिलासपुर, 10 नवंबर। Dropout Children : शिक्षा के अधिकार कानून के तहत निजी विद्यालयों में पढ़ रहे बच्चों के बीच में पढ़ाई छोड़ने की समस्या पर रोक लगाने के लिए शिक्षा विभाग ने सख्त कदम उठाया है। अब ऐसे बच्चों को नोडल प्राचार्य की अनुमति और अनुशंसा के बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) जारी नहीं किया जा सकेगा।

डीपीआई (निदेशक लोक शिक्षण) ने इस संबंध में सभी जिलों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं। निर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने के लिए डीईओ बिलासपुर ने जिले के सभी नोडल प्राचार्यों, निजी विद्यालयों के प्राचार्यों, प्रधान पाठकों और संस्था प्रमुखों को पत्र जारी कर कड़े निर्देश दिए हैं।

शिक्षा विभाग करेगा ड्रॉपआउट बच्चों की काउंसलिंग

पोर्टल से प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरटीई के तहत अध्ययनरत बच्चों में से हर वर्ष लगभग 10 प्रतिशत बच्चे कक्षा आठवीं तक पहुँचने से पहले ही स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने योजना बनाई है कि टीसी मांगने आने वाले अभिभावकों और बच्चों की पहले काउंसलिंग की जाएगी। नोडल प्राचार्य और शिक्षा अधिकारी मिलकर यह समझेंगे कि बच्चे ने पढ़ाई क्यों छोड़ी, और उन्हें दोबारा स्कूल में लौटने के लिए प्रेरित किया जाएगा।

TC जारी करने से पहले पालन करनी होंगी ये शर्तें

  • निजी विद्यालय अब आरटीई के बच्चों को टीसी पालक के आवेदन पर सीधे जारी नहीं कर पाएंगे।
  • ऐसे बच्चों की टीसी जारी करने से पहले नोडल प्राचार्य की सहमति आवश्यक होगी।
  • नोडल प्राचार्य बच्चों और उनके पालकों से मुलाकात कर टीसी मांगने के कारणों की जांच करेंगे।
  • कारण उचित पाए जाने पर ही लिखित अनुमति दी जाएगी।
  • अनुमति मिलने के बाद ही विद्यालय टीसी जारी कर सकेगा और संबंधित पोर्टल पर बच्चे की स्थिति ड्रॉपआउट के रूप में दर्ज करनी होगी।

भेदभाव या प्रताड़ना की शिकायत पर होगी कार्रवाई

यदि किसी बच्चे या पालक द्वारा यह बताया जाता है कि स्कूल में उनके साथ भेदभाव या किसी प्रकार की प्रताड़ना की गई है, तो नोडल प्राचार्य इसकी जानकारी तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी (डीईओ) को देंगे। जांच में तथ्य सही पाए जाने पर संबंधित निजी विद्यालय पर नियम अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

ड्रॉपआउट दर में कमी

शिक्षा विभाग का मानना है कि यह व्यवस्था ड्रॉपआउट दर घटाने में मदद करेगी। पहले स्कूलों द्वारा टीसी जारी होने के बाद विभाग के पास बच्चों की कोई जानकारी नहीं रहती थी, जिससे उनसे दोबारा संपर्क करना मुश्किल होता था। अब टीसी प्रक्रिया को नियंत्रित कर ऐसे बच्चों को दोबारा पढ़ाई से जोड़ा जा सकेगा।

डीपीआई ने आरटीई के बच्चों की टीसी प्रक्रिया को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। बिना नोडल प्राचार्य की अनुमति कोई भी निजी विद्यालय टीसी जारी नहीं कर सकेगा। नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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