Bihar Assembly Elections: Despite the NDA's historic victory, 12 BJP candidates lost...! They lost to Muslim rivals on 5 seats... See the list here.Bihar Assembly Elections

नई दिल्ली, 15 नवंबर। Bihar Assembly Elections : बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में NDA की जबरदस्त सफलता के बीच BJP के 12 उम्मीदवार चुनाव हार गए। इस बार विधानसभा में सत्ता पक्ष के विधायक संख्या 202 तक पहुंच गई, जबकि बीजेपी के पास 89 विधायक होंगे। बीजेपी ने कुल 101 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 89 पर जीत दर्ज की।

हारने वाले प्रमुख BJP उम्मीदवार और उनकी सीटें

  1. बायसी सीट – विनोद कुमार (BJP) को AIMIM के गुलाम सरवर ने 27,251 वोटों से हराया।
  2. बिसफी सीट – हरिभूषण ठाकुर (BJP) को RJD के आसिफ अहमद ने 8,107 वोटों से हराया।
  3. किशनगंज सीट – स्वीटी सिंह (BJP) को कांग्रेस के कमरूल होदा ने 12,794 वोटों से हराया।
  4. कोचाधामन सीट – बीना देवी (BJP) तीसरे स्थान पर रहीं, AIMIM के मोहम्मद सरवर आलम ने जीत हासिल की।
  5. ढाका सीट – पवन कुमार जायसवाल (BJP) मात्र 178 वोटों से RJD के फैजल रहमान से हारे।

ये 5 सीटें ऐसी हैं जहां बीजेपी उम्मीदवार मुस्लिम प्रतिद्वंदियों से हारे।

  1. चनपटिया सीट– उमाकांत सिंह (BJP) को कांग्रेस के अभिषेक रंजन ने 602 वोटों से हराया।
  2. फारबिसगंज सीट– विद्या सागर केसरी (BJP) को कांग्रेस के मनोज विश्वास ने 221 वोटों से हरा दिया।
  3. सहरसा सीट– आलोक रंजन (BJP) को इंडियन इंक्लूसिव पार्टी के इंद्रजीत प्रसाद गुप्ता ने 2,038 वोटों से हराया।
  4. वारसलीगंज सीट– अरुणा देवी (BJP) को RJD की अनिता ने 7,543 वोटों से हराया।
  5. रामगढ़ सीट– अशोक कुमार सिंह (BJP) मात्र 30 वोटों से बहुजन समाज पार्टी के सतीश कुमार सिंह यादव से हारे।
  6. गोह सीट– डॉ. रविरंजन कुमार (BJP) को RJD के अमरेंद्र कुमार ने 4,041 वोटों से हराया।
  7. राघोपुर सीट– सतीश कुमार (BJP) को आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने 14,532 वोटों से हराया।

विश्लेषण

BJP ने इस चुनाव में अधिकांश सीटें जीतकर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इन 12 हारों ने दिखाया कि कुछ खास क्षेत्र और मुस्लिम उम्मीदवारों के प्रभाव वाले इलाके बीजेपी के लिए चुनौतीपूर्ण रहे। इनमें से कई हार बेहद कम अंतर से हुईं, जो दर्शाता है कि बिहार में राजनीतिक प्रतिस्पर्धा बेहद तीव्र है।

एनडीए की ऐतिहासिक सफलता के बावजूद, बिहार में बीजेपी के लिए ये हार सीमित लेकिन महत्वपूर्ण क्षेत्रीय झटके साबित हुईं, खासकर SC/Minority बहुल्य क्षेत्रों में।

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