Doctor Negligence: A shocking case of doctor negligence! Instead of stitching a child's wound, he applied Fevicol to it... After much struggle, the adhesive was removed at another hospital.Doctor Negligence

मेरठ, 21 नवंबर। Doctor Negligence : शहर से मेडिकल लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। आरोप है कि ढाई साल के बच्चे की चोट पर इलाज के नाम पर डॉक्टर ने टांके लगाने के बजाय ₹5 की फेविक्विक लगाकर घाव चिपका दिया। यह घटना जागृति विहार एक्सटेंशन स्थित मेपल्स हाइट्स की है।

बच्चे की आंख के पास खून बहता देख परिजन अस्पताल पहुंचे

फाइनेंसर सरदार जसपिंदर सिंह के ढाई साल के बेटे मनराज सिंह को खेलते समय टेबल के कोने से चोट लग गई। आंख के पास गहरी कट लगी और खून बहने लगा। परिजन तत्काल बच्चे को भाग्यश्री अस्पताल ले गए, लेकिन यहाँ डॉक्टर ने जो किया, वह सुनकर हर कोई हैरान रह गया।

डॉक्टर ने कहा ₹5 की फेविक्विक लाओ…और घाव चिपका दिया

परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने टांके लगाने के बजाय कहा, ₹5 वाली फेविक्विक ले आओ। इसके बाद डॉक्टर ने फेविक्विक से ही कटे हुए हिस्से को चिपका दिया। बच्चे को दर्द होता रहा, लेकिन डॉक्टर ने इसे सामान्य बताते हुए कहा कि, बच्चा घबराया हुआ है, थोड़ी देर में ठीक हो जाएगा। लेकिन दर्द कम नहीं हुआ, और बच्चे की स्थिति बिगड़ने लगी।

दूसरे अस्पताल में 3 घंटे तक चली जद्दोजहद

अगले दिन परिजन बच्चे को लोकप्रिय अस्पताल लेकर पहुंचे। यहां डॉक्टरों ने बताया कि फेविक्विक ने त्वचा को कड़ा कर दिया है। करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद गोंद हटाई गई, तब जाकर घाव को साफ किया गया और बच्चे के घाव पर चार टांके लगाए गए।

परिजनों का आरोप

परिजनों ने आशंका जताई कि यदि फेविक्विक आंख में गिर जाती तो बच्चा स्थायी रूप से घायल हो सकता था। डॉक्टर की इस लापरवाही से परिजन बेहद नाराज हैं और उन्होंने इसकी शिकायत सीएमओ कार्यालय में की।

CMO ने बनाई जांच समिति

मेरठ के सीएमओ डॉ. अशोक कटारिया ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि, एक जांच कमेटी बना दी गई है। पूरा मामला जांच में है, रिपोर्ट आने के बाद दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

यह मामला स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली और निजी अस्पतालों में लापरवाही की गंभीर तस्वीर पेश करता है। जांच रिपोर्ट आने के बाद स्थिति और स्पष्ट होगी।

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