हांगकांग, 27 नवंबर। High-Rise Housing Societies : उत्तरी ताई पो जिले में बुधवार को एक हाई-राइज हाउसिंग सोसायटी में लगी भीषण आग ने शहर को दहला दिया है। इस हादसे में 44 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 15 लोग घायल हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि अब भी लगभग 300 लोग लापता बताए जा रहे हैं। आग इतनी भयावह थी कि उसने कम से कम 8 इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया। अब तक केवल एक इमारत में लगी आग पर काबू पाया जा सका है।
हत्या के संदेह में 3 लोग गिरफ्तार
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को गैर-इरादतन हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया है। पुलिस का मानना है कि इनकी हिरासत का सीधा संबंध आग लगने की घटना से जुड़ा हो सकता है। जांच पूरी होने तक सभी पहलुओं पर गौर किया जा रहा है।
कैसे लगी इतनी भीषण आग?
आग वांग फुक कोर्ट, ताई पो स्थित एक विशाल आवासीय परिसर में लगी। परिसर में 1,984 फ्लैट हैं और लगभग 4,000 लोग रहते हैं। आग 32-मंजिला टावर के बाहरी बांस के मचान (स्कैफोल्डिंग) पर लगी। तेज हवाओं और निर्माण कार्य में लगी जालियों के कारण लपटें तेजी से 7 और इमारतों तक फैल गईं। जलते हुए मचानों और मलबे की बारिश के कारण लोग घबराकर अपने घर छोड़कर भागने को मजबूर हो गए। आग ने पूरे न्यू टेरिटरीज क्षेत्र में घना धुआं फैला दिया, जिससे बचाव कार्य और भी चुनौतीपूर्ण हो गया।
900 लोगों को अस्थायी शेल्टर में शिफ्ट किया गया
अग्निशमन विभाग ने लगभग 140 फायर ट्रक और 60 एंबुलेंस मौके पर भेजीं। लगातार फैलती आग और धुएँ के कारण 900 से अधिक लोगों को तुरंत अस्थायी शेल्टर में ले जाया गया। इनमें बड़ी संख्या में बुजुर्ग निवासी शामिल हैं।
सरकार ने जांच टीम बनाई
हांगकांग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जॉन ली ने बताया, आग की जांच के लिए एक विशेष टीम गठित कर दी गई है। लापता लोगों की खोज के लिए आपातकर्मी लगातार काम कर रहे हैं। आधी रात के तुरंत बाद आग को आंशिक रूप से नियंत्रण में बताया गया। यह हादसा हांगकांग में दशकों में सबसे भीषण माना जा रहा है।
1996 की भयावह आग के बाद सबसे बड़ी त्रासदी
हांगकांग में इससे पहले 1996 में ऐसी ही भीषण आग लगी थी, जिसमें 41 लोगों की मौत हो गई थी। वह आग कोव्लून की एक व्यावसायिक इमारत में 20 घंटे तक जलती रही थी। इस नई घटना ने उन कड़वी यादों को फिर ताजा कर दिया है।
ताई पो जिले की यह दिल दहला देने वाली आग हांगकांग (High-Rise Housing Societies) की आपदा प्रबंधन व्यवस्था की सबसे कठिन परीक्षा बन गई है। सैकड़ों परिवार अपने प्रियजनों की तलाश में हैं और शहर अब भी सदमे में है। आग लगने के वास्तविक कारणों का पता लगाने और जिम्मेदार लोगों को सज़ा दिलाने के लिए व्यापक जांच जारी है।

