CG Liquor Scam: The infamous liquor scam...! 7th chargesheet presented in special court... 50 chargesheets filed so far...the largest economic crime case to date.CG Liquor Scam

रायपुर, 27 नवंबर। CG Liquor Scam : छत्तीसगढ़ में चर्चित शराब घोटाला मामले में आज सातवां चार्जशीट विशेष न्यायालय में पेश किया गया। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने आबकारी विभाग के पूर्व आयुक्त और सचिव निरंजन दास सहित कुल 6 आरोपियों के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। इस प्रकरण में अब तक 50 आरोपियों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल हो चुकी है और विवेचना कार्यवाही जारी है।

निरंजन दास पर गंभीर आरोप

जांच में पाया गया कि निरंजन दास ने अपनी लगभग तीन साल की पदस्थापना अवधि में आबकारी नीति और टेंडर शर्तों में गड़बड़ी कर विशेष व्यक्तियों एवं सिंडिकेट को लाभ पहुंचाया। सिंडिकेट के सक्रिय सदस्य अनिल टुटेजा और अनवर ढेबर पर कमीशन उगाही के लिए विभागीय व्यवस्थाओं में हेरफेर का आरोप है।

कहा जा रहा है कि गैर-कानूनी तरीके से कम से कम ₹16 करोड़ की कमाई हुई है, और इससे और भी ज़्यादा फ़ायदा होने की उम्मीद है। इन पैसों का इस्तेमाल उनके और उनके परिवार के सदस्यों के नाम पर अचल प्रॉपर्टी में इन्वेस्ट करने के लिए किया गया था।

शराब निर्माता कंपनियों की भूमिका

ओम साई बेवरेजेस प्रा. लि. के संचालक अतुल सिंह और मुकेश मनचंदा पर आरोप है कि उन्होंने सिंडिकेट और शराब प्रदाता कंपनियों के बीच कमीशन की रकम पहुंचाने का काम किया। उनके इस कृत्य से सरकार को ₹530 करोड़ का रेवेन्यू लॉस हुआ, जबकि आरोपी और उनकी कंपनी को इस लॉस से ₹114 करोड़ का फायदा हुआ।

सिंडिकेट और सहयोगियों की भूमिका

रायपुर जेल रोड पर मौजूद होटल गिरिराज के पिता-पुत्र नितेश पुरोहित और यश पुरोहित ने गैर-कानूनी तरीके से पैसे जमा किए और उन्हें मैनेज किया। सिंडिकेट के ज़रिए ₹1,000 करोड़ से ज़्यादा का लेन-देन हुआ। दीपेन चावड़ा ने गैर-कानूनी पैसे इकट्ठा करने, उन्हें सुरक्षित रखने और हवाला लेन-देन का काम संभाला।

इसमें AJS एग्रो कंपनी के डायरेक्टर के तौर पर प्रॉपर्टी इन्वेस्टमेंट में मदद करना शामिल है। इनकम टैक्स रेड (2020) के बाद ₹1,000 करोड़ से ज़्यादा के कैश और सोने को संभालना।

अदालती प्रक्रिया और वर्तमान स्थिति

सभी आरोपियों को वर्तमान में केंद्रीय जेल रायपुर में न्यायिक अभिरक्षा में रखा गया है। विवेचना जारी है और EOW ने इस घोटाले में और भी बड़ी राशि की अवैध वसूली की संभावना जताई है।

छत्तीसगढ़ शराब घोटाला अब तक के सबसे बड़े आर्थिक अपराध मामलों (CG Liquor Scam) में से एक माना जा रहा है। इस मामले में उच्च अधिकारियों और सिंडिकेट नेटवर्क की मिलीभगत सामने आई है, और राज्य को हुई सैकड़ों करोड़ की राजस्व हानि ने मामले की गंभीरता को और बढ़ा दिया है।

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