सक्ती, 28 नवंबर। Sakti Royal Family : सक्ती राजघराने के राजा धर्मेंद्र सिंह को बिलासपुर हाईकोर्ट ने सभी आरोपों से पूरी तरह बाइज्जत बरी कर दिया है। वे स्व. राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह के दत्तक पुत्र हैं।
हाईकोर्ट ने फास्ट ट्रैक कोर्ट सक्ती द्वारा सुनाई गई 7 साल की सजा को रद्द करते हुए कहा कि उपलब्ध साक्ष्य आरोप सिद्ध करने के लिए पर्याप्त नहीं हैं। इसके आधार पर अदालत ने धर्मेंद्र सिंह को पूरी तरह निर्दोष घोषित किया।
क्या था मामला?
2022 में राजपरिवार की एक महिला ने राजा धर्मेंद्र सिंह पर गंभीर आरोप लगाए थे। शाही परिवार की एक महिला ने राजा धर्मेंद्र सिंह पर उनके घर में घुसकर अननैचुरल रेप का आरोप लगाया। पीड़िता ने शक्ति पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसके बाद फास्ट-ट्रैक स्पेशल कोर्ट ने सज़ा सुनाई है। इस मामले की सुनवाई करते हुए फास्ट ट्रैक कोर्ट, सक्ती ने 21 मई 2025 को उन्हें दोषी ठहराते हुए 7 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई थी। धर्मेंद्र सिंह ने इस फैसले को बिलासपुर हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट ने क्या कहा?
हाईकोर्ट ने सभी साक्ष्यों की विस्तार से समीक्षा करते हुए माना कि, अभियोजन द्वारा प्रस्तुत प्रमाण आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त नहीं थे। संदेह का लाभ देते हुए नहीं, बल्कि प्रमाणों की कमी के आधार पर ही आरोपी पूरा बरी किया जाता है।इसके साथ ही फास्ट ट्रैक कोर्ट का फैसला (Sakti Royal Family) पूरी तरह निरस्त कर दिया गया। इस निर्णय के बाद सक्ती राजघराने और समर्थकों में राहत का माहौल है।

