British MP Priti Patel: If you love Indian culture so much, then return to India! When the British MP wished Navratri in an Anarkali dress, she was trolled on social media.British MP Priti Patel

लंदन, 23 सितंबर। British MP Priti Patel : भारतीय मूल की ब्रिटिश सांसद और पूर्व गृह मंत्री प्रीति पटेल ने अपने भारतीय जड़ों और सांस्कृतिक पहचान को खुले रूप में अपनाते हुए नवरात्रि की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पारंपरिक अनारकली सूट, बिंदी और कलावा पहनकर एक मंदिर के सामने खींची गई अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर साझा की और कहा कि ‘नवरात्रि अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है।’

प्रीति पटेल ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, आज नवरात्रि की शुरुआत है, जो एक पवित्र हिंदू पर्व है। यह देवी दुर्गा और अच्छाई की बुराई पर विजय का प्रतीक है। इस नवरात्रि आप सभी को शांति, समृद्धि और आशीर्वाद मिले।

धार्मिक पहचान पर उठे सवाल, ट्रोलिंग शुरू

हालांकि, इस पोस्ट के बाद प्रीति पटेल को सोशल मीडिया पर आलोचनाओं और ट्रोलिंग का सामना करना पड़ा। कुछ ब्रिटिश यूजर्स ने कहा कि ‘अगर भारतीय संस्कृति इतनी पसंद है, तो भारत लौट जाओ।’ वहीं कुछ लोगों ने यह भी कहा कि यूके एक क्रिश्चियन देश है और सार्वजनिक रूप से हिंदू त्योहारों का जश्न मनाना अपमानजनक है।

एक यूजर ने लिखा, अगर तुम देवी पूजा करना चाहती हो तो भारत जाकर करो, यहाँ हमें इसकी जरूरत नहीं। एक अन्य कमेंट में कहा गया, तुम्हें अपनी मातृभूमि में जाकर रहना चाहिए, यहाँ इस संस्कृति की कोई जगह नहीं।

समर्थन में भी उतरे लोग

हालांकि, आलोचनाओं के बीच कई यूजर्स प्रीति पटेल के समर्थन में भी सामने आए। कुछ ने उनकी ड्रेस की सराहना की, तो कुछ ने संस्कृति को अपनाने की आज़ादी की वकालत की। समर्थकों का कहना था कि ब्रिटेन बहुसांस्कृतिक समाज है और हर किसी को अपनी पहचान और संस्कृति को सेलिब्रेट करने का हक है।

एक यूजर ने लिखा:, ये गर्व की बात है कि कोई सांसद अपनी जड़ों को नहीं भूलती। यह ब्रिटेन की विविधता की पहचान है।

प्रीति पटेल भारतीय जड़ों से जुड़ीं, ब्रिटेन की मजबूत नेता

प्रीति पटेल के परिवार की जड़ें गुजरात से जुड़ी हैं। उनके माता-पिता युगांडा से 1960 के दशक में ब्रिटेन आकर बस गए थे। प्रीति का जन्म लंदन में हुआ और उन्होंने कम उम्र में ही राजनीति में कदम रखा। वे कंज़र्वेटिव पार्टी की प्रभावशाली नेता हैं और 2019 से 2022 तक ब्रिटेन की गृह मंत्री रहीं।

ब्रिटेन में प्रवासियों को लेकर बढ़ रहा गुस्सा

गौरतलब है कि हाल के दिनों में ब्रिटेन में प्रवासी समुदायों, खासकर भारतीयों के प्रति नाराजगी बढ़ी है। लंदन में हाल ही में आयोजित ‘यूनाइट द किंगडम’ रैली में करीब 1.5 लाख लोगों ने भाग लिया, जिनकी मांग थी कि देश में प्रवासियों की संख्या सीमित की जाए।

प्रदर्शनकारियों का कहना था कि प्रवासियों की वजह से नौकरियों में प्रतिस्पर्धा, संस्कृति में बदलाव और संसाधनों पर दबाव बढ़ा है। इसी पृष्ठभूमि में प्रीति पटेल की पोस्ट को कुछ लोगों ने राजनीतिक और सांस्कृतिक असंवेदनशीलता के रूप में देखा।

प्रीति पटेल की नवरात्रि पोस्ट (British MP Priti Patel) ने ब्रिटेन में बहुसंस्कृति, धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक सहिष्णुता पर एक नई बहस छेड़ दी है। जहां एक ओर यह एक नेता द्वारा अपनी सांस्कृतिक विरासत को अपनाने की मिसाल है, वहीं दूसरी ओर यह ब्रिटेन में प्रवासियों की बदलती स्थिति और चुनौतियों की भी झलक देती है।

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