Insensitivity: Wow, son, well done! Mother dies in an old-age home...son says, "Keep her in the deep freezer for four days...there's a wedding at home...listen to the even more shocking response."Insensitivity

जौनपुर/गोरखपुर, 24 नवंबर। Insensitivity : मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है। जौनपुर के एक वृद्धाश्रम में गोरखपुर की रहने वाली शोभा देवी (पति– भुआल गुप्ता) की बीमारी से मौत हो गई। लेकिन जब वृद्धाश्रम के संचालकों ने बेटे को सूचना दी, तो उसने ऐसा जवाब दिया जिसे सुनकर सभी हैरान रह गए। बेटे ने कहा, घर में शादी है, अभी शव घर आया तो अपशगुन होगा…चार दिन तक फ्रीज़र में रख दो, शादी के बाद ले जाऊंगा।

परिवार की बेरुखी देख स्तब्ध वृद्धाश्रम

वृद्धाश्रम संचालक रवि कुमार चौबे ने बताया कि शोभा देवी की तबीयत बिगड़ने पर इलाज कराया जा रहा था, लेकिन 19 नवंबर को उनकी मौत हो गई। सूचना मिलने पर छोटे बेटे ने बड़े बेटे से बात की और फिर यही संदेश आश्रम को दे दिया, शव को चार दिन फ्रीज़र में रखने की बातें दुहराईं।

जब यह बात रिश्तेदारों तक पहुंची, तो उन्होंने अंतिम दर्शन की इच्छा जताई। किसी तरह शव को जौनपुर से गोरखपुर भेजा गया।

अंतिम संस्कार की जगह करवाया दफन

गोरखपुर पहुंचने पर बड़ा बेटा अचानक अंतिम संस्कार से मुकर गया और शव को दफना दिया। पति भुआल गुप्ता ने बताया कि उन्हें कहा गया, चार दिन बाद मिट्टी से शव निकालकर अंतिम संस्कार कर देंगे। भुआल ने व्यथित होकर कहा कि चार दिन में शव कीड़े खा जाएंगे, यह कैसा संस्कार है?

घर से निकाले जाने के बाद आश्रम पहुंचे थे दंपती

भुआल गुप्ता गोरखपुर के भरोईया गांव के रहने वाले हैं और किराना व्यापारी थे। तीन बेटे–तीन बेटियों के पिता भुआल ने सभी की शादी कर दी थी। लेकिन एक साल पहले बड़े बेटे ने पारिवारिक विवाद में उन्हें घर से निकाल दिया।

अवसाद में भुआल ने आत्महत्या की कोशिश भी की, लेकिन लोगों ने उन्हें समझाया और कहा कि अयोध्या/मथुरा चले जाएं, जहां बूढ़ों के लिए व्यवस्था रहती है। अयोध्या–मथुरा में कोई मदद न मिलने पर वे जौनपुर के वृद्धाश्रम पहुँचे, जहां संचालक रवि चौबे ने उन्हें शरण दी।

वृद्धाश्रम का दर्दभरा बयान

रवि चौबे ने कहा, मां–बाप (Insensitivity) से कभी मिलने कोई नहीं आया। सिर्फ छोटे बेटे का कभी–कभार हालचाल पूछने का फोन आता था। लेकिन मौत पर भी इतनी बेरुखी…यह पहली बार देखा है। मां के निधन पर बेटे का यह अमानवीय व्यवहार न सिर्फ रिश्तों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है, बल्कि समाज में बुजुर्गों के प्रति बढ़ती संवेदनहीनता की भयावह तस्वीर भी सामने लाता है।

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