Shocking : चौंकाने वाली खबर…! UPSC की तैयारी कर रहे छात्र ने खुद काटा अपना प्राइवेट पार्ट…गूगल और यूट्यूब से ली ‘सर्जरी’ की जानकारी

प्रयागराज, 12 सितंबर। Shocking : उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक बेहद चौंकाने वाला और संवेदनशील मामला सामने आया है, जहां UPSC की तैयारी कर रहे 17 वर्षीय छात्र ने स्वयं अपना प्राइवेट पार्ट काटकर लड़की बनने की दिशा में कदम उठाया। यह घटना न सिर्फ मेडिकल जगत को हैरान कर रही है, बल्कि समाज में जेंडर पहचान को लेकर व्याप्त मानसिक संघर्ष की गंभीरता को भी उजागर करती है।
जानकारी के अनुसार, छात्र प्रयागराज में UPSC की कोचिंग लेने के लिए आया था। वह मूलतः उत्तर प्रदेश के ही एक जिले का निवासी है। करीब 14 साल की उम्र में, जब वह लड़कियों के साथ डांस कर रहा था, तब उसे पहली बार महसूस हुआ कि वह खुद को लड़कों की तरह नहीं, बल्कि एक लड़की के रूप में महसूस करता है।
गूगल और यूट्यूब से ली ‘सर्जरी’ की जानकारी
अपनी जेंडर आइडेंटिटी को लेकर उलझन में फंसे छात्र ने गूगल और यूट्यूब की मदद से यह जानने की कोशिश की कि कैसे फिजिकली खुद को लड़की में बदला जा सकता है। रिपोर्ट्स के अनुसार, छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन स्वयं लगाया, और फिर अपने ही प्राइवेट पार्ट को काट डाला। इसके बाद उसने घाव की मरहम-पट्टी भी खुद ही की।
दर्द बर्दाश्त नहीं हुआ, तब पहुंचा अस्पताल
कुछ समय तक इंजेक्शन के असर से दर्द नहीं हुआ, लेकिन जैसे ही असर कम हुआ, छात्र को असहनीय पीड़ा होने लगी। इसके बाद वह इलाज के लिए हॉस्पिटल पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने उसका तुरंत ऑपरेशन कर उसकी जान बचाई। फिलहाल इलाज जारी है, और डॉक्टरों की निगरानी में छात्र की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
जेंडर पहचान का संघर्ष
यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और जेंडर डिस्फोरिया (Gender Dysphoria) के बीच गहरे संबंध को भी दर्शाती है। ऐसे मामलों में विशेषज्ञों की मानें तो, व्यक्ति का जैविक लिंग उसकी मानसिक और भावनात्मक पहचान से मेल नहीं खाता, जिससे गहरा आंतरिक संघर्ष उत्पन्न होता है।
मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग की जरूरत
मेडिकल और मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे मामलों में खुद से किसी भी तरह का शारीरिक परिवर्तन करना बेहद खतरनाक होता है। सही काउंसलिंग, चिकित्सकीय मार्गदर्शन और परिवार का सहयोग ही इस संघर्ष को सुरक्षित और संवेदनशील तरीके से सुलझा सकता है।
पुलिस और परिजनों को दी गई सूचना
अस्पताल प्रशासन द्वारा इस असामान्य (Shocking) और संवेदनशील मामले की सूचना स्थानीय पुलिस और छात्र के परिजनों को दे दी गई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए, छात्र को मनोचिकित्सकों की निगरानी में रखा गया है।