रायपुर। राजधानी रायपुर के जीईरोड स्थित शासकीय आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में आज से स्पेशल पीलिया वार्ड में मरीजों का इलाज शुरु कर दिया गया है। शासकीय आयुर्वेदिक अस्पताल के भू-तल में कोरोना मरीजों के लिए 100 बिस्तर आइसोलेशन वार्ड की जगह अब 50 बिस्तर शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के लिए अस्पताल को रंगरोहन के साथ ही मेडिकल उपकरणों के साथ तैयार कर लिया गया है। इस पीलिया वार्ड में डीडीनगर, कोटा, चंगोराभांठा, रायपुरा, सरोना, टाटीबंध, डंगनिया, कुशालपुर, रामसागर पारा, रामनगर, संतोषी नगर, भांठागांव क्षेत्र से आने वाले पीलिया के मरीजों को जांच, इलाज के साथ ही भर्ती की सुविधाएं प्रदान की जाएगी। शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को फिलहाल मौसमी बीमारी पीलिया से निपटने के लिए रेस्क्यू सेंटर के रुप में लगभग दो महीने के लिए संचालित किया जाएगा। इसके बाद यहां 50 बिस्तरों वाला सामुदायिक केंद्र को पूर्ण रुप से शुरु किया जाएगा।
सीएमएचओ डॉ मीरा बघेल ने बताया, इस स्वास्थ्य केंद्र का अधीक्षक डॉ केआर सोनवानी पूर्व सीएमएचओ को जिम्मेदारी दी गई है। यहां महिलाओं के लिए गर्भवस्था के दौरान जांच और डिलवरी की सुविधाओं के साथ नसबंदी भी हो सकेगा। इसके लिए लेबर वार्ड व ओटी रुम भी बनाए जा रहे हैं। अस्पताल में बिस्तर से लेकर डॉक्टर, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट, वार्ड बॉय, सफाई कर्मचारी, ड्रीप के लिए मेडिकल उपकरण, दवाइयां, सभी सामग्रियों की व्यवस्था कराई जा रही है। पीलिया के मरीजों के लिए 12 डॉक्टरों की टीम तीन पालियों में तैनात रहेंगे। सीएमएचओ के अनुसार स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर को आइपीडी वार्ड में पहले कारोना के लिए 100 बिस्तर वाला आइसोलेशन वार्ड शुरू करने की तैयारी की जा रही थी। लेकिन अब पीलिया के लिए स्पेशल वार्ड बनाया दिया गया है।
सीएमएचओ डॉ बघेल ने बताया, शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य आयुर्वेदिक अस्पताल परिसर में शुरु होने से रायपुर पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के कई वार्डों के लोगों को नजदीक में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेगी। उन्होंने बताया, मरीजों के रजिस्ट्रेशन के लिए आयुर्वेदिक अस्पताल के ओपीडी वार्ड में ही व्यवस्था की जाएगी। इसके साथ ही एक बड़़ी शहरी आबादी के गर्भवती महिलाओं के लिए सोनोग्राफी, एक्सरे, रक्त जांच व टीकाकरण की सुविधाएं आसानी से मिलने लगेगी। वहीं महिलाओं के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार करते हुए यहां कैंसर स्क्रीनिंग के लिए चिकित्सक भी नियुक्त किए जाएंगे। इससे गर्भवती महिलाओं को एम्स अस्पताल टाटीबंध, डॉ अंबेडकर अस्पताल जेल रोड, जिला अस्पताल पंडरी, मातृ-शिशु अस्पताल कालीबाड़ी की जगह नजदीक में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेगी।
आयुर्वेदिक अस्पताल में भी स्त्री रोग विभाग का वार्ड प्रथम तल पर है। यहां गर्भवती महिलाओं का प्रतिदिन जांच की सुविधाएं भी उपलब्ध है। आयुर्वेदिक अस्पताल के प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सीए घाटगे ने बताया, अस्पताल गर्भवती महिलाओं के लिए डिलवरी वार्ड की सुविधाएं हैं। यहां प्रशिक्षित स्टॉफ के साथ नार्मल डिलवरी की सुविधा है। आपात स्थिति में सीजेरियन डिलवरी के लिए जिला अस्पताल व मेडिकल कॉलेज जाना पड़ता था। लेकिन अब यहां शहरी स्वास्थ्य केंद्र शुरु होने से मरीजो अस्पताल परिसर में ही सीजेरियन डिलवरी की व्यवस्था मिल जाएगी। इसका लाभ लोगों को मिलने से निजी अस्पताल में महंगे इलाज व खर्च से बचत मिलेगी। उन्होंने बताया, आयुर्वेदिक अस्पताल में भी प्रत्येक बुधवार को स्त्री रोग के एलोपैथिक विशेषज्ञ महिला डॉ. रुपाली वर्मा की सेवाएं सुबह 8 बजे से 10 बजे तक उपलब्ध होती है। इसके अलावा यहां जननी सुरक्षा योजना का लाभ भी हितग्राही महिलाओं को प्रदान किया जाता है।