मेरा समाज मानता है मुझे आदिवासी: अजित जोगी
रायपुर। 73 वर्षों से मैं जिस सामाजिक व्यवस्था को एन्जॉय कर रहा हूं, मरवाही की आदिवासी जनता ने मुझे लगातार सर्वाधिक वोटों से चुना। जहां मैं पैदा हुआ हूं, वहा के लोग मेरी जाती जानते हैं या यहां बैठकर भूपेश बघेल जान सकते हैं। पूरे भारत में मैं केवल एक ही व्यक्ति हूं जिसकी कोई जाति नही है। अगर मैं आदिवासी नही हूं तो बताना चाहिए था कि मैं क्या हूं? क्या मैं ब्राह्मण हूं, वैश्य हूं, कि शुद्र हूं? हर बार यही कोशिश हुई कि मेरी विधायकी छीन जाए। अब ये लोग मुझे नही माने लेकिन मेरा समाज मुझे आदिवासी मानता है।
दरअसल, जाति छानबीन समिति द्वारा घोषित फैसले के बाद आज अजित जोगी ने प्रेस कांफ्रेंस लेकर प्रदेश के सत्ताधारी से उक्त सवाल पूछा। उन्होंने फैसले को गलत ठहराते हुए कहा कि फैसले की कॉपी मिलते ही वे हाईकोर्ट और सुप्रीम कोट जाएंगे।
…फिर मेरा पुत्र कैसे आदिवासी हुआ?
जनता कांग्रेस प्रमुख अजित जोगी ने तंज कसते हुए कहा कि, मेरे पुत्र अमित जोगी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले में अमित जोगी कंवर आदिवासी और मुणी गोत्र के हैं, यह कहा गया था। अगर अमित जोगी आदिवासिन हैं तो उसके बाप आदिवासी कैसे नही होगा। उन्होंने कहा कि छानबीन समिति का ऐसा ही कुछ फैसला आएगा, ये हमें मालूम था, क्योंकि ये मुख्यमंत्री की छानबीन कमेटी थी। वे तो पहले से ही फैसला दे दिया है कि मैं आदिवासी नहीं हूं। इस समिति ने उनकी ही गाईडलाईन पर निर्णय लिया है।
सोनिया गांधी ने मुझे आदिवासी कांग्रेस का बनाया था अध्यक्ष
जोगी ने कहा, मुझे कांग्रेस के प्रमुख नेता ने ही आदिवासी का नेता माना, तभी सोनिया गांधी व राजीव गांधी ने मुझे आदिवासी कांग्रेस का अध्यक्ष बनाया था, लेकिन भूपेश बघेल नही मानते है। दरअसल, आदिवासी दिवस के दिन 9 अगस्त को ही उन्होंने यह घोषणा कर दिया था कि एक महिने में जोगी के जाति मामले में फैसला आ जाएगा। जोगी ने कहा कि हर बार नया बहाना निकालकर मेरे खिलाफ मामला दायर किया जाता है। 50 वर्षों की राजनीतिक करियर में मुझ पर भष्ट्राचार, बलात्कार, छेड़छाड़ या किसी भी प्रकार की उंगली नही उठी, इसलिए केवल एक ही मामला बचत है।