आदिवासी और अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चों को JEE और NEET जैसे एग्जाम के लिए मिलेगी स्पेशल कोचिंग, केंद्र को भेजा गया प्रस्ताव
रायपुर, 25 जून। आदिम जाति और अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स को अब स्पेशल कोचिंग देने की तैयारी प्रदेश की सरकार कर रही है। विभाग के मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने शुक्रवार को नवा रायपुर के मंत्रालय में आवासीय और आश्रम शैक्षणिक संस्थान समिति संचालक मण्डल की बैठक ली। बैठक में 2021-22 के शैक्षणिक सत्र में में 11वीं और 12वीं के स्टूडेंट्स के लिए JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षा के लिए स्पेशल कोचिंग का प्रस्ताव केन्द्र सरकार को भेजने पर सहमति दी गई। इस प्रोजेक्ट के तहत रेगुलर पढ़ाई के अलावा प्रदेश के आश्रमों या आदिवासी हॉस्टल में रहकर पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को स्पेशल कोचिंग का फायदा मिलेगा।
4 नए हॉस्टल खुलेंगे
साल 2021-22 में केन्द्र सरकार ने प्रदेश में चार नए एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय शुरू करने की स्वीकृति दी है। ये स्कूल जशपुर जिले के विकासखण्ड मनोरा के ग्राम ढेंगनी और विकासखण्ड फरसाबहार, रायगढ़ जिले के विकासखण्ड लैलूंगा के ग्राम हीरापुर और सरगुजा जिले के विकासखण्ड लुन्ड्रा ग्राम सहानपुर में खुलेंगे। मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि प्रदेश में संचालित आवासीय और आश्रम स्कूल के प्राचार्याें और शिक्षकों को समय-समय पर ट्रेनिंग भी दी जाएगी। विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 2020-21 में भारत सरकार ने 29 नवीन एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय स्वीकृत किए थे, जो शुरू किए जा चुके हैं। साल 2005 में 8 एकलव्य विद्यालय के साथ ये योजना शुरू हुई थी। इनमें आदिम जाति और अनुसूचित जाति वर्ग के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं।
6वीं में एडमिशन के लिए टेस्ट होगा
संचालक मण्डल की बैठक में ये भी तय किया गया कि चूंकि कोरोना की वजह से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई है इसलिए कक्षा 5 वीं में बच्चों को जनरल प्रमोशन दिया गया है। जिसके कारण कक्षा 5 वीं में कम से कम 50 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले नियम को शिथिल किया गया है। कक्षा 6वीं में प्रवेश के लिए एक एंट्रेंस टेस्ट होगा, इसी टेस्ट के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। ये टेस्ट 15 जुलाई से होगा।