इंस्टीटूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स द्वारा ऑनलाइन ज्ञान महाकुम्भ में 1000 से ज़्यादा लोगों ने लिया हिस्सा

रायपुर। इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की रायपुर शाखा ने तीन दिवसीय कार्यशाला का सफलता पूर्वक आयोजन किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन GST पर इंदौर से CA सुनील जैन एवं रायपुर से रमनदीप सिंह भाटिया को आमंत्रित किया था। दूसरे दिन कोरोनावायरस एवं लॉकडाउन के चलते अपने काम को कैसे घर पर रहकर किया जाए उसके लिए जयपुर से विशेषज्ञ सी ए विजय अग्रवाल को आमंत्रित किया गया था।
तीसरे दिन पूरे भारत वर्ष में सबसे बड़े विशेषग्यों में से एक सीए डॉ गिरीश आहूजा,एवं सुप्रीम कोर्ट अधिवक्ता सीए डॉ राकेश गुप्ता एवं रायपुर से सीए राजेश दोषी जी को आमंत्रित किया गया था। इंस्टीटूट की केंद्रीय समिति से अनुज गोयल, सतीश गुप्ता, मध्य भारत की क्षेत्रीय समिति(7 राज्यों) के अध्यक्ष देवेंद्र सोमानी व कोषाध्यक्ष शशिकांत चंद्राकर भी वेबिनार में उपस्थित हुए।
कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के रायपुर, भिलाई, बिलासपुर शाखा के साथ रायगढ़ व अम्बिकापुर चैप्टर ने भी भाग लिया एवं बिहार से पटना शाखा एवं झारखंड से धनबाद शाखा ने भी भाग लिया। आयकर बार एसोसिएशन एवं फेडरेशन ऑफ आयकर बार छत्तीसगढ़ ने भी भागीदारी दर्ज की।
रायपुर शाखा के अध्यक्ष सी ए किशोर बरड़िया ने तीन दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम की नींव कुछ ही दिन पहले रखी और देश भर के विशेषज्ञों से कार्यक्रम के लिए समय मांगा, समय प्रदान होते ही उन्होंने विभिन्न शाखाओं एवं चैप्टर्स को जोड़ने का काम शुरू कर दिया। तीन दिवसीय कार्यक्रम का संचालन रायपुर शाखा के सचिव सी ए रवि ग्वालानी ने किया एवं टेक्निकल एक्सपर्ट सीए करन गुप्ता ने कार्यक्रम को ऑनलाइन संभाला। पूरे भारत में रायपुर शाखा ने पूरा कार्यक्रम ज़ूम एवं यू टूब के माध्यम से लाइव ऑनलाइन कराया।
इस कार्यक्रम में मुख्य विषय पैनल डिस्कशन था। विभिन्न शहरों से चार्टर्ड एकाउंटेंट्स अपने अपने प्रश्नों के साथ वेबिनार में आये थे, उन्होंने विशेषज्ञों से एक एक कर के प्रश्न पूछने शुरू किया जिसका उत्तर विशेषज्ञ भी एक एक कर के देते गए। जो रोज़मर्रा में काम करते वक़्त तकलीफें आती थी उनको विशेष तौर पर विशेषज्ञों ने बारीकी से समझाया।
आयकर के विशेषज्ञ डॉ राकेश गुप्ता जी ने पेनलिटीज़ एवं प्रॉसिक्यूशन पर व्याख्यान दिया। डॉ गिरीश आहूजा एवं राजेश दोषी जी ने लगभग 50 से ज़्यादा प्रश्नों को तुरंत सुना एवं सभी सदस्यों को उनका प्रैक्टिकल उत्तर दिया। GST के विशेषज्ञ सुनील जैन जी ने अपने व्याख्यान में बताया कि इस कार्यशाला में हर CA को ध्यान देना पड़ेगा चाहे वो GST की प्रैक्टिस करता हो या न हो, क्योंकि जब हम आयकर की प्रैक्टिस भी करें तब भी कई बार हमें GST के दृष्टिकोण से भी अपने काम को देखना पड़ता है अन्यथा आयकर के विषय का समाधान करते कहीं GST के किसी कानून या पहलू को अनदेखा न कर दें।
रमनदीप भाटिया ने हाल ही में आये हाई कोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट जजमेंट्स के बारे में बताया। दोनों GST विशेषज्ञ ने भी 50 से ज़्यादा प्रश्नो के जवाब दिए।
विजय अग्रवाल ने कोविड के बाद प्रैक्टिस में आने वाले बदलाव के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आने वाले समय में क्लाइंट्स से हमें हर डाक्यूमेंट्स को डिजिटल फॉरमेट में लेना पड़ेगा और दीजितल्ली ही ऑडिट को पूरा करना पड़ेगा, अगर हमें कोई फिजिकल पेपर लेना भी पड़ा तो हमको यह प्रैक्टिस बनानी चाहिए कि पेपर्स को अलग ट्रे में लिया जाए एवं संभवतः 24 से 48 घंटे बाद उस डॉक्यूमेंट को छू के काम किया जाए, इससे हम अपने साथ साथ अपने स्टाफ की भी सावधानी कर सकेंगे।
सी ए सतीश गुप्ता ने इंस्टीटूट की आने वाले समय में कार्यप्रणाली की विस्तृत रूप से जानकारी दी।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से रायपुर से किशोर बरडिया, सुरेश बधान,रवि ग्वालानी, अमिताभ दुबे, रिद्धि जैन, करण गुप्ता, बी सुब्रमण्यम, राजेश गोलछा; भिलाई से अमित राय, प्रफुल्ल कोठारी, नितिन रूंगटा, लिखवानी जी; बिलासपुर से विवेक अग्रवाल, दिनेश अग्रवाल, सचेन्द्र जैन, अविनाश टुटेजा, अंशुमान जाजोदिया; धमतरी से अजय पारख; रायगढ़ से संजय सोनी, विकास अग्रवाल; सरगुजा क्षेत्र से HS जैसवाल; राजनांदगांव से पारस छाजेड़, पटना से प्रविन्द सिंह; धनबाद से चरणजीत सिंह चावला आदि उपस्थित थे।