छत्तीसगढ

कार्यस्थल पर प्रताड़ना की जांच हेतु आयोग ने गठित की जाँच समिति

रायपुर, 2 दिसंबर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज विभिन्न जिलों की महिलाओ द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में सुनवाई की।आज प्रस्तुत प्रकरण में शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे। सुनवाई के दौरान सोशल व फिजीकल डिस्टेंसिंग एवं सैनिटाईजर का प्रयोग करते हुए कार्यवाही प्रारंभ की गई।
जिला कांकेर निवासी आवेदिका द्वारा ससुराल पक्ष पर दहेज प्रताड़ना ,मारपीट करने, जान से मारने की धमकी तथा पति द्वारा अप्राकृतिक कृत्य करने सम्बन्धी आवेदन की सुनवाई की।इस प्रकरण में उपस्थित पति के ऊपर शून्य पर अपराध दर्ज कर तत्काल तेलीबांधा पुलिस को कार्यवाही करने के निर्देश दिए। इनके अतिरिक्त अनुपस्थित सास,श्वसुर और देवर के ऊपर भी अपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए। जिसे चारामा थाना को भेजा जाकर 498 (ए), 377 व अन्य अपराध दर्ज किया जाये।
सम्पत्ति विवाद के एक अन्य प्रकरण में अनावेदक की अनुपस्थिति पर आयोग के अध्यक्ष ने गंभीर नाराजगी ब्यक्त की। उन्होंने कहा कि इस तरह आयोग के नोटिस को गंभीरता से नही लेना,न्याय प्रक्रिया को बाधित करता है।अगली सुनवाई में अनावेदक को पुलिस अभिरक्षा में आयोग के समक्ष प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
इसी तरह एक अन्य प्रकरण जिसमे कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारी द्वारा प्रताड़ित करने संबंधी आवेदन की सुनवाई करते हुए आयोग के अध्यक्ष ने जांच हेतु अन्वेषण समिति गठित कर 2 माह के भीतर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने कहा। उक्त प्रकरण में आवेदिका द्वारा प्रस्तुत आवेदन जिसमे कार्यस्थल पर जानबूझकर परेशान करने, कार्यदिवस तथा अवकाश के दिनों में भी काम करने के बाद भी वेतन में कटौती,कार्यस्थल में कार्यरत अन्य डॉक्टरों को अवकाश और भेदभाव करने संबंधी शिकायतो पर गठित समिति जांच करेगी।

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