कोलकाता के एक दुर्गा पंडाल में कलाकारों ने उकेरी भावुक तस्वीरें….एक ओर सोनू सूद बने मसीहा तो दूसरी ओर रेलवे ट्रेक पर चिरनिद्रा में सोए मजदूर
कोलकाता, 22 अक्टूबर। कोरोना काल की कई भावुक तस्वीरों को कोलकाता के कलाकारों ने अपने हाथों से आकार दिया। एक ओर फिल्मी अभिनेता से रियल अभिनेता बने सोनू सूद मजदूरों का मसीहा के रूप में दर्शाया गया तो दूसरी ओर रेलवे ट्रेक पर थके हारे सोए मजदूर, जिनकी सुबह कभी नहीं हुई थी।
वैसे पश्चिम बंगाल में दूर्गा पूजा के जलवे जगजाहिर है। ऐसे में एक दुर्गा पंडाल की थीम पूरी तरह ‘”कोविड 19″ को समर्पित रही।
दरअसल कोरोना काल में हमने कई अपनों को खोया है तो कई परिवारों को कभी न भूलने वाला जख्म भी दिया है। कलाकारों ने उन सब यादों को अपने हाथों से गढ़ा है। थीम में मजदूरों के पलायन और सोनू सूद द्वारा उनकी मदद करते हुए दिखाया गया है। इस दुर्गा पूजा पंडाल में लोगों का दूर-दूर से आना जाना लगा हुआ हैं।
रियल हीरो सोनू सूद के मानवीय कार्यों
अभिनेता सोनू सूद ने अपने घरों तक पहुंचने में हजारों लोगों की मदद की और लॉकडाउन के दौरान संकट में मदद करने के लिए सड़क पर उतर आए। हालांकि कोई आश्चर्य नहीं है कि कोलकाता की दुर्गा पूजा समिति ने अभिनेता और उनके मानवीय कामों को शामिल किया है।
दर्शाए गए पांच दृश्य
केस्टोपुर प्रफुल्ल कनन पश्चिम अधिबस्ती ब्रिंदो पूजा समिति का यह 18वां साल है, जब उन्होंने दुर्गा पूजा पंडाल लगाया है। इस साल पंडाल की थीम कोरोना लॉकडाउन के संकट काल का है। इसमें पांच प्रमुख दृश्य दिखाए गए हैं।
अंदर तक झकझोरा मां-बेटे के इस दृश्य
उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों के पलायन के दौरान एक वीडियो खूब वायरल हुआ था। यह वीडियो था एक मां और बेटे का। मां बेटे को पैदल लेकर जा रही है। बच्चा थक जाता है तो वह उसे सूटकेस में लिटा लेता है। सूटकेस को रस्सी से बांधकर वह खींचती हुई पैदल चलती है। यह दृश्य भी दुर्गा पूजा पंडाल की थीम का हिस्सा है।
बेटी ने पिता को बैठाकर सैकड़ों मील चलाई साइकल
दुर्गा पूजा पंडाल की थीम में एक दृश्य दिखाया गया है कि एक लड़की साइकल चला रही है। वह अपने पिता के साथ घर जाने से लिए साइकल से निकली और इस दौरान उन्होंने कैसे सैकड़ों मील साइकल चलाकर यात्रा की। मिक्चर में भी मजदूरों को यात्रा करते दिखाया गया है।
चिर निद्रा में ट्रैक पर सोए मजदूर
महाराष्ट्र की वह खबर हर किसी को याद होगी। जब सैकड़ों मील पैदल चलकर मजदूर थक गए और रेलवे ट्रैक पर सो गए। ट्रेन की चपेट में आने से कई मजदूरों की मौत हो गई थी। इस थीम में यह दृश्य भी दिखाया गया है। एक ट्रैक पर ट्रेन आती हुई नजर आ रही है और ट्रैक पर मजदूर बेधड़क सो रहे हैं।
बोलेपुर के कारीगरों को ऐसे आया आइडिया
सभी मॉडल बोलेपुर में कारीगरों द्वारा बनाए गए हैं। कोलकाता स्थित थीम डिजाइनर, कलाकार स्वपन चक्रवर्ती ने बताया कि वह जून में COVID-19 पॉजिटिव आई थीं। क्वारंटीन रहने के दौरान, उन्होंने समाचार देखने के अलावा और कुछ नहीं। इस दौरान उन्होंने देखा कि सैकड़ों मील की पैदल यात्रा कर रहे मजदूर कितने दर्द से गुजर रहे थे। उनका दर्द सोनू सूद ने समझा और उनकी मदद के लिए आगे आए। वह सोनू से बहुत ज्यादा प्रभावित हुए।
मानवीय विषय दर्शाने की थी इच्छा
क्लब के सचिव रूमन चंदा ने बताया, ‘हम एक ऐसा विषय बनाना चाहते थे जो आम लोगों की भावनाओं को जाहिर करे। हमने जितनी भी थीम सोचीं, उनमें से प्रवासी मजदूरों का संकट और जिस तरह से सोनू सूद ने उनकी मदद की, यह विषय सबसे ज्यादा मानवीय था।’