छत्तीसगढ

किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का चलेगा आक्रामक अभियान

रायपुर, 30 सितंबर।  2500 रू. पर हमला किया। अब समर्थन मूल्य को नहीं बचाया। किसान कानून को लेकर कांग्रेस लगातार आक्रमक बनी हुयी है। आज विडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने ली प्रवक्ताओं और जिला कांग्रेस अध्यक्षों की बैठक ली। प्रदेश कांग्रेस के कोषाध्यक्ष रामगोपाल अग्रवाल, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गिरिश देवांगन, संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने बैठक का शुरूआत करते हुये कहा कि राजीव भवन से राजभवन तक पैदल मार्च की ऐतिहासिक सफलता छत्तीसगढ़ के कांग्रेसजन बधाई के पात्र है।

किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ कांग्रेस के आंदोलन के आगे के चरणों की जानकारी देते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि 10 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ किसान सम्मेलन आयोजित किया जायेगा। 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक प्रदेश में घर-घर जाकर कांग्रेस कार्यकर्ता इन 3 किसान विरोधी काले कानूनों के खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चलायेंगे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मोदी सरकार के इन तीनो कानूनों से किसानों के साथ आम आदमी को भी बड़ा नुकसान होगा। कुछ बड़े जमाखोर सारी आवश्यक वस्तुओं के रेट तय करेंगे। अंतर की राशि देकर राशन कार्ड व्यवस्था भी समाप्त करने की तैयारी में मोदी सरकार है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूरी आक्रामकता से किसान विरोधी वाले कानूनों का निर्देश देते हुये सविस्तार किसान विरोधी काले कानूनों की हकीकत बेनकाब करने के निर्देश सभी प्रवक्ताओं और जिला कांग्रेस अध्यक्षों को दिये।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुझाव दिया कि 10 अक्टूबर को सभा राजीव भवन में मंच बनाकर की जाये। सभी 307 ब्लाकों में भी विडियो कान्फ्रेसिंग के द्वारा हर ब्लाक में कम से कम सौ किसानों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं को साथ लेकर परस्पर दूरी बनाये रखते हुये वरचुअल सभा आयोजित की जाये। बूथ ईकाई तक हस्ताक्षर अभियान का फार्मेट जाना चाहिये। ताकि हस्ताक्षर अभियान को गति दी जा सके। किसान बिल से होने वाले हर तरह के नुकसान के बारे में शहरी और ग्रामीण मतदाताओं को भी बताने की आवश्यकता है। इन किसान विरोधी कानूनों को लेकर भाजपा नेताओं को में कटघरे में खड़ा करने और भाजपा के किसान विरोधी, गरीब विरोधी चरित्र को उजागर करने का निर्णय लिया गया है।

छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया ने सभी प्रवक्ताओं और जिला कांग्रेस अध्यक्षों को निर्देशित दिया कि अब सबको बताना है कि किसान विरोधी कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रावधान नहीं है। कान्टेक्ट फार्मिंग के द्वारा अब  कंपनिया ही तय करेगी कि किसान खेतो में क्या काम करेंगे। मोदी सरकार इस्ट इंडिया कंपनी की वापसी करने में लगी है। अब मोदी सरकार ने बड़े मुनाफाखोरो को कालाबाजारी जमाखोरी की खुली छूट छै दे दी है। सदन के एक भी सदस्य के मत विभाजन की मांग करने पर तो संसद में मत विभाजन कराना आवश्यक होता है। इन काले कानूनों को पास करने के लिये लोकतंत्र की हत्या कर दी गयी।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुये प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने मीडिया में भाजपा सरकार के काले कानूनों के खिलाफ आक्रमक प्रहार करने के नेताओं के निर्देशों का पालन करने का विश्वास दिलाये।

प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष गिरीश देवांगन ने हस्ताक्षर अभियान की रणनीति को लेकर सभी जिला अध्यक्षों को सविस्तार निर्देश दिये। वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेन्द्र तिवारी ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल. पुनिया, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम के निर्देशों के अनुरूप मीडिया को रणनीति पर मार्गदर्शन दिया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र सरकार की किसान विरोधी कृषि विधेयक बिल सहित किसान एवं खेत गरीब मजदूर विरोधी दमनकारी नीतियों के खिलाफ 24 सितंबर से 14 नवंबर तक की रूपरेखा जिसमें धरना प्रदर्शन हस्ताक्षर अभियान से लेकर वर्चुअल रैली तक के निर्धारित कार्यक्रमों पर विस्तृत चर्चा हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में सर्भी संभागों से जिला कांग्रेस अध्यक्षों को बोलने जा मौका दिया गया जिसमें उन्होंने कार्यक्रम की रूपरेखा को लेकर अपनी बात रखी।

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