गर्भवती पीड़िता ने दर्ज किया छत्तीसगढ़ में तीन तलाक का पहला मामला, 5 माह की प्रेग्नेंट प्रार्थीया की पहले से हैं 4 बच्चें
रायपुर। देश में तीन तलाक कानून लगू होने के बाद छत्तीसगढ़ में पहला मामला सोमवार को दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के मनेन्द्रगढ़ थाने में ये मामला पुलिस ने दर्ज किया है। पुलिस ने इस मामले की पीडि़ता के आरोपी पति, सास, ससुर, देवर व ननद को हिरासत में ले लिया है। पूछताछ की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद आरोपी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की बात कही जा रही है। इस बात की पुष्टि कोरिया जिले के एसपी विवेक शुक्ला ने की है।
पुलिस से जो जानाकारी मिली उसके अनुसार, मनेन्द्रगढ़ थाना क्षेत्र की रहने वाली प्रार्थीया उज्जमा परवीन की निकाह दिलशाद अख्तर के साथ 2013 में पूरे मुस्लिम रीतिरिवाजों के साथ हुआ है। निकाह के बाद प्रार्थीया उज्जमा के चार बच्चे है, जिसमें 5 वर्षीय शाहील अख्तर, 4 वर्षीय शाईना परवीन, 3 वर्षीय आयान अख्तर एवं 1 साल की आयशा परवीन है। हालांकि उज्जमा परवीन अभी 5 माह की गर्भवती भी है। प्रार्थीया उज्जमा ने अपने पति के खिलाफ शिकायत की है कि उसका पति दिलशाद उससे रुपए की मांग करते हुए मारपीट करता है। आज भी उज्जमा से रुपए की मांग की, जिसे वे पड़ोसी से मांगकर देने की बात कही। इस बात से नाराज पति, सास शकीला, ससुर नदीम, देेवर रमीज व ननद अफसाना ने भी पति का साथ देते हुए उज्जमा से न सिर्फ गाली-गलौच किया बल्कि बुरी तरह मारापीटा गया, जिसके बाद उज्जमा को तीन बार तलाक कहते हुए उसे तलाक दे दिया। उज्जमा किसी तरह अपनी जान बचाकर वहां से भागकर अपने माता-पिता को फोन की। दूसरे दिन यानी 17 अगस्त को उज्जमा के माता-पिता और भाई उत्तरप्रदेश से पहुंचे। मायकेवालों से उज्जमा ने रायशुमारी कर बच्चों को उसके पिता याने दिलशाद को देने उसके घर गया तो उसके पति सहित परिवार वालों ने बच्चों को रखने से इंकार कर दिया। जिसके बाद महिला अपने मायकेवालों के साथ मनेन्द्रगढ़ थाने में पति, सास, ससुर, देवर व ननद के खिलाफ मामला दर्ज किया। रिपोर्ट के आधार पर सभी आरोपियों पर अपराध क्रमांक 233/19 धारा 294,506,323,34 ता.हि. (दी मुस्लिम वूमेन प्रोटेक्शन ऑफ राईट ऑन मेरिज) दूसरा अध्यादेश 2019 की धारा 4 कायम कर विवेचना में लिया गया है।