गोबर विक्रेताओं के खाते में पहुंची राशि, गौठानों में ग्रेडिंग-पैकेजिंग के निर्दे
रायपुर, 5 दिसंबर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रविवार को गोधन न्याय योजना के तहत पशुपालक ग्रामीणों, गौठानों से जुड़े महिला समूहों और गौठान समितियों को 2 करोड़ 92 लाख रूपए की राशि ऑनलाइन जारी की।
विक्रेताओं को जारी राशि में 15 नवम्बर से 30 नवम्बर तक राज्य के गौठानों में पशुपालक ग्रामीणों, किसानों, भूमिहीनों से गोधन न्याय योजना के तहत क्रय किए गए गोबर के एवज में 2 करोड़ 44 लाख रूपए भुगतान तथा गौठान समितियों और महिला समूहों को 48 लाख रूपए की लाभांश राशि शामिल है। अब तक गोबर विक्रेताओं को 114 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर गोधन न्याय मिशन के संचालन के लिए 50 लाख रूपए की राशि जारी की। गौठानों में लगभग 14 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट बनाई गई, जिसमें से 9 लाख क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय किया गया। इसमें से ज्यादातर वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग हमारे किसानों ने किया है। उन्होंने बताया कि 20 जुलाई 2020 को हरेली से प्रारंभ हुई, गोधन न्याय योजना के अंतर्गत 15 नवम्बर 2021 तक 55.77 लाख क्विंटल गोबर की खरीदी की गई है।
वर्मी कम्पोस्ट ही है खाद का विकल्प – भूपेश
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूरे देश में रासायनिक खादों की कमी है और भारत सरकार खाद की आपूर्ति किसानों को नहीं कर पा रही है, इससे कृषि प्रभावित होगी। आने वाले समय में भी रासायनिक खाद की आपूर्ति में दिक्कत आ सकती है। ऐसे में वर्मी कम्पोस्ट
का उपयोग कर किसान अच्छी फसल ले सकते हैं। छत्तीसगढ़ के गौठानों में तैयार किया जा रहा वर्मी कम्पोस्ट डीएपी खाद का अच्छा विकल्प है। किसान अपने खेतों में वर्मी कम्पोस्ट का उपयोग करें, इससे स्वायल हेल्थ में सुधार होगा, भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी।
गौठान बने स्वावलम्बी
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में किसान भाईयों और पशुपालकों से अपने पशुओं को खुले में नहीं छोड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि पशुओं को घरों में या गांव के गौठान में रखें। इससे दूसरी फसल को बचाया जा सकेगा। पैरा न जलाएं, पैरे का उपयोग पशुओं को खिलाने में करें। सीएम बघेल ने पशुओं के लिए हरे चारे की व्यवस्था करने की आवश्यकता बताते हुए गौठानों के चारागाह में चारा लगाने की व्यवस्था करने की अपील भी की। मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान छत्तीसगढ़ सरकार ने जो कदम उठाए वे सफल रहे, जिसकी आज पूरे देश में चर्चा है। गोधन न्याय योजना इसका एक अच्छा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 10569 गौठानों की स्वीकृति दी गई है, जिनमें से 7777 गौठान पूर्ण होकर सक्रिय हो चुके हैं, इनमें से 2029 गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। हमारी यह कोशिश होनी चाहिए कि सभी गौठान स्वावलंबी बने।
गौठानों में ग्रेडिंग-पैकेजिंग की व्यवस्था करने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि ऐसे क्षेत्र जहां किसान तिलहनी फसल ले रहे हैं, वहां के गौठानों में तेलघानी की व्यवस्था तथा ऐसे क्षेत्र जहां किसान दलहनी फसल लेते हैं, वहां के गौठानों (Vermi Compost) में दालों को दरने उनकी ग्रेडिंग और पैकेजिंग की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे गौठानों में काम कर रहे महिला स्व-सहायता समूहों को नियमित रोजगार और आय का साधन मिलेगा। मुख्यमंत्री ने गौठानों में तैयार की जा रही वर्मी कम्पोस्ट का विक्रय मूल्य परिवहन लागत सहित तय करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय से मिलने वाली राशि तथा लागत की राशि के अंतर की राशि गौठान समितियों और महिला स्व-सहायता समूहों को लाभांश के रूप में दी जाएगी।