छत्तीसगढ

स्वास्थ्य मंत्री ने एसीआई में किया एक्सिमेर लेजर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी की नई सुविधा का लोकार्पण

रायपुर, 30 जनवरी। इंस्टीट्यूट पं. जवाहर लाल नेहरु स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय, रायपुर के एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट (एसीआई) ने 29 जनवरी 2021 को देश के पहले कोरोनरी लेजर एंजियोप्लास्टी के उन्नत उपचार के साथ इतिहास रच कर भारत देश को एशिया के उन अग्रणी देशों में शुमार कर दिया है, जहां पर हृदय की कोरोनरी-आर्टरी बीमारी के उपचार के लिये कोरोनरी लेजर एंजियोप्लास्टी की सुविधा उपलब्ध है।

इस उपलब्धि के अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री टी. एस. सिंहदेव ने एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट पहुंच कर नई एक्सिमेर लेजर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी ( ECLA) लेजर सिस्टम का लोकार्पण कर एसीआई के कार्डियोलॉजिस्ट की टीम को बधाई दी। स्वास्थ्य मंत्री ने इस मौके पर हर्ष प्रकट करते हुए कहा कि यह बड़े ही गर्व की बात है कि कोरोनरी लेजर एंजियोप्लास्टी की सुविधा एसीआई में शुरू हो गई है जो जटिल कोरोनरी आर्टरी स्टेनोसिस के रोगियों के लिये बेहद लाभदायक साबित होगा। राज्य के शासकीय संस्थानों में तेजी से स्वास्थ्य सुविधाएं उन्नत हो रही हैं। आज एसीआई की टीम को राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धि प्राप्त करने के लिये शुभकामनाएं देता हूं।

एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट मेडिकल कॉलेज अस्पताल रायपुर से संबंद्ध छत्तीसगढ़ में हृदय का अस्पताल है जिसे राज्य सरकार ने हृदय रोगों के उन्नत उपचार के लिए बनाया है। 1 नवंबर 2017 को अपनी स्थापना के बाद से संस्थान ने राज्य में और उसके आसपास के राज्यों के मरीजों के लिये हृदय संबंधी उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई है। संस्थान देश के उन शीर्ष हृदय अस्पतालों में से एक है जिसने 102 साल के मरीज में पेसमेकर लगाया है। एसीआई को जटिल हृदय रोगों, 3डी इलेक्ट्रोफिजियोलॉजी और रेडियोफ्रीक्वेंसी एब्लेशन (4 ईपीएस), ट्रांसफिमोरल एओर्टिक वाल्व इंप्लांटेशन (TAVI) लेफ्ट एट्रियल अपेंडेज क्लोजर (LAA डिवाइस) और फिजियोलॉजिकल पेसिंग के लिए राज्य की सरकारी संस्थान में पहली एडवांस प्रक्रियाओं के लिए भी श्रेय दिया जाता है। राज्य सरकार डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना (DKBSSY) के माध्यम से निःशुल्क उन्नत हृदय संबंधी उपचार का समस्त खर्च वहन करती है। डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना ऐसी योजना है जो ग्रेट ब्रिटेन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं (NHS) का अनुकरण है।

एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट में कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने एक्सिमेर लेजर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी(ELCA) के बारे में बताते हुए कहा कि एक्सिमेर लेजर कोरोनरी एंजियोप्लास्टी हृदय की वाहिका में कठिन ब्लॉकेज के उपचार के लिए बेहद उन्नत एवं प्रभावकारी इलाज की पद्धति है। यह एक्सिमेर लेजरों जो कि छोटी तरंगदैर्ध्य वाली उच्च ऊर्जा पराबैंगनी (UV) प्रकाश का उपयोग करता है, जो ना खुलने वाले ब्लॉकेज, बहुत पुराना एवं सम्पूर्ण ब्लॉकेज, पूर्व में लगे स्टेंट का पुन.ब्लॉकेज और आपातकालीन एंजियोप्लास्टी में बड़े रक्त के थक्के को वाष्पीकृत करता है। पारंपरिक बैलून एंजियोप्लास्टी, रुकावटों को दूर करने के लिए संपीड़ित बल का उपयोग करता है, जबकि लेजर से निकली उच्च ऊर्जा कोरोनरी ब्लॉकेज को भाप बना देती है।

दिल की बाईं धमनी में था 90 प्रतिशत रूकावट

एक 46 वर्षीय महिला मरीज को दिल का दौरा और बार-बार सीने में दर्द के साथ एसीआई में भर्ती कराया गया था। उसकी कोरोनरी एंजियोग्राफी से दिल की बाईं पहली धमनी में 90 प्रतिशत की रुकावट का पता चला। डॉ. स्मित श्रीवास्तव ने कहा कि पारंपरिक बैलूनिंग द्वारा एंजियोप्लास्टी करने की कोशिशों से इस केस में सफलता नहीं मिली, क्योंकि फाइब्रोसिस के कारण ब्लॉकेज बैलून से नहीं खुल पा रहा था। फाइब्रोसिस के कारण ब्लॉकेज को लेजर के उपयोग से खोलना एक सही उपचार का माध्यम है इसलिए रुकावट को उच्च ऊर्जा युक्त लेजर द्वारा सफलतापूर्वक वाष्पीकृत किया गया और भविष्य में होने वाले ब्लॉकेज को रोकने के लिए स्टेंट लगाए गए। रोगी को प्रक्रिया के 2 दिनों के बाद संस्थान से छुट्टी देने की योजना है।

डॉ. स्मित श्रीवास्तव के मुताबिक एक्सिमेर लेजर तकनीक उन रोगियों के एंजियोप्लास्टी में मददगार साबित हो सकती है जिनके पास पहले से मौजूद स्टेंट में और आपातकालीन एंजियोप्लास्टी में रक्त के थक्के को हटाने के लिए पुराना या लंबा ब्लॉकेज है।

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