छत्तीसगढ़ के नए DGP बनाये गए अशोक जुनेजा, डीएम अवस्थी को मिली राज्य पुलिस अकादमी की जिम्मेदारी
रायपुर, 11 नवबंर। छत्तीसगढ़ के पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी को सीएम भूपेश बघेल की नाराजगी भारी पड़ी। गृह विभाग ने आज देर शाम आदेश जारी कर डीएम अवस्थी को DGP के पद से हटाकर अशोक जुनेजा को छत्तीसगढ़ का नया DGP बनाया।
दरअसल, गुरुवार को मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुलिस महकमे पर अपनी नाराजगी जाहिर की थी। जिसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि पीएचक्यू में कोई बड़ी सर्जरी होने वाली है। गुरुवार को ये कयास पर मुहर लग गई और प्रदेश के डीजीपी दुर्गेश माधव अवस्थी को हटने का आदेश जारी कर दिया गया। 1989 बैच के आईपीएस अशोक जुनेजा अब छत्तीसगढ़ के नए पुलिस महानिदेशक बनाए गए है। वहीं 1986 बैच के डीएम अवस्थी को राज्य पुलिस अकादमी में बतौर महानिदेशक पदभार दिया गया है।
डीएम अवस्थी पर इन मुद्दों पर गिरी गाज
माना जा रहा था कि डीजीपी डीएम अवस्थी सरकार के निर्देश मुताबिक अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे। चिटफंड के पीडि़तों के पैसा वापसी और एजेंटों के खिलाफ केस वापस लेना, राजनीतिक प्रकरणों की वापसी, निर्दोष आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सली मामलों की वापसी, पुलिस बल को साप्ताहिक अवकाश, ये कुछ ऐसे मुद्दे थे जिन पर डीजीपी नाकाम साबित हो रहे थे।
सीएम के समीक्षा बैठक में चिटफंड के पीडि़तों की पैसा वापसी और एजेंट्स के विरुद्ध केस वापसी के मामले में उनकी भूमिका से मुख्यमंत्री ने नाराजगी जताई। इसके अलावा निर्दोष आदिवासियों के खिलाफ दर्ज नक्सली मामलों को वापस लेने, राजनीतिक प्रकरणों की वापसी और पुलिसकर्मियों को साप्ताहिक अवकाश देने संबंधी मामलों में भी उनकी भूमिका से मुख्यमंत्री खुश नहीं थे। सबसे बड़ी बात हुक्का बार को बंद करने के आदेश के बाद भी प्रदेश के कई जिलों में हुक्का का चलन चोरी छिपे चल ही रहा था। राजधानी में भी डेढ़ क्विंटल से ज्यादा हुक्का फ्लेवर पकड़ाया। जिसके बाद सीम भूपेश ने कड़ी नाराजगी जताते हुए अफसरों को फटकार लगाई थी।
दिसंबर, 2018 में भूपेश बघेल की सरकार ने शपथ लेने के दो दिन बाद डीएम अवस्थी को डीजीपी बनाया था। इससे पहले वे नक्सल अभियान के विशेष महानिदेशक थे। अवस्थी को एएन उपाध्याय की जगह इस पद पर नियुक्त किया गया था।
अशोक जुनेजा को है खासा अनुभव
आईपीएस अशोक जुनेजा रायगढ़ में एडिशनल एसपी रहे थे। जिसके बाद उन्होंने बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में एसएसपी की जिम्मेदारी भी निभाई थी। इसके बाद जुनेजा बिलासपुर और दुर्ग रेंज के आईजी भी रहे। प्रमोट होकर जुनेजा करीब तीन साल तक इंटेलिजेंस चीफ रहे। वहीं पुलिस मुख्यालय में खुफिया के साथ सशस्त्र बल, प्रशासन, ट्रेनिंग जैसे डिपार्टमेंट में भी स्मार्ट वर्क कर चुके हैं। इन सब के बाद उन्हें डीजी नक्सल ऑपरेशन का जिम्मा सौपा था। साथ ही जुनेजा सेंट्रल डेपुटेशन में दो साल तक नारकोटिक्स में भी रह चुके है। इसके अलावा मंत्रालय में उन्होंने बतौर गृह सचिव भी काम किया है। जुनेजा को डायरेक्टर स्पोर्ट्स, ट्रांसपोर्ट में एडिशनल कमिश्नर का भी बेहतर अनुभव है।
आईपीएस जुनेजा की कार्यशैली साफ सुथरी है। प्रदेश में अब तक तीन मुख्यमंत्री हुए लेकिन जुनेजा का नाम किसी भी सीएम के करीबियों में नहीं जोड़ा गया। ऐसे ही कई बड़े कारण है जो आज अशोक जुनेजा को प्रदेश की जवाबदारी से नवाजा गया है।