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दो अक्टूबर को बिहार, गुजरात, सिक्किम समेत इन राज्यों में हो सकती है भारी बारिश, अरब सागर के डिप्रेशन से चक्रवात की आशंका

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर। चक्रवाती तूफान गुलाब के तुरंत बाद मंडरा रहे एक और चक्रवात ‘शाहीन’ को लेकर गुजरात के सभी जिलों में प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। राज्य के 17 जिलों में NDRF एवं SDRF की 18 टीमों को तैनात किया गया है। इसके अलावा मछुआरों को राज्य के तट से लगे अरब सागर में नहीं जाने की चेतावनी दी गई है और दो अक्टूबर तक मछली पकड़ने की सभी गतिविधियां स्थगित रखने के निर्देश हैं। साथ ही मौसम विभाग ने कहा कि पश्चिम बंगाल समेत बिहार और सिक्किम में भी 2 और 3 अक्टूबर को भारी बारिश का अनुमान है।

भारतीय मौसम विभाग ने शुक्रवार सुबह ट्वीट कर बताया कि उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों बिजनौर, खतौली, हस्तिनापुर में बादल की गरज के साथा बारिश होने के आसार हैं। इससे पहले मौसम विभाग ने बताया था कि गुरुवार रात 11.30 बजे अरब सागर के उत्तरपूर्व में बना डिप्रेशन और गहरा हो गया है और अगले 12 घंटों में चक्रवात में बदल सकता है।

तमिलनाडु में भारी बारिश, राजस्थान में डूबा मंदिर

तमिलनाडु के चेन्नई में कई इलाकों में भारी बारिश हुई। वहीं राजस्थान के बांसवाड़ा में बांध से पानी छोड़ने के बाद संगमेश्वर मंदिर पानी में डूब गया है। इस दौरान श्रद्धालु नाव के जरिए दर्शन के लिए जा रहे हैं।

वहीं पश्चिम बंगाल में भारी बारिश के बाद आसनसोल में जलभराव हो गया। इस दौरान पानी लोगों के घरों के अंदर भी घुस गया। इसके अलावा गुजरात के उकाई में भारी बारिश की वजह से उकाई बांध से ताप्ती नदी में 2 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया।

7 साल में दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह रहा सितंबर

मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 27 सालों में देश के लिए सितंबर दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला माह साबित हुआ है। इस महीने में 223 मिमी (29 तारीख तक) यानी 34 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई है, जबकि मासिक सामान्य बारिश का औसत 166.6 मिमी है। देश में सितंबर के दौरान अब तक दर्ज की गई 1994 की बारिश के बाद इस बार इस माह में ज्यादा बारिश हुई है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर लगातार कम दबाव वाली प्रणालियों के कारण सितंबर में अधिक बारिश हुई।

भारत में मानसून की बारिश 29 सितंबर तक 867.8 मिमी तक पहुंच गई, जबकि सामान्य 877 मिमी थी। 1993 के बाद देश के लिए मासिक बारिश के लिहाज से सबसे अच्छा सितंबर 2019 था, जब भारत में 52 फीसद से अधिक बारिश दर्ज की गई थी। तब 36.9 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई थी, जिसके बाद सितंबर 2019 और 2021 में सबसे अधिक मासिक बारिश हुई है।

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