राष्ट्रीय

बाढ़ का प्रकोप: महाराष्ट्र में 400 से अधिक मौतें, तेलंगाना की मुसी नदी में भी उफान; हैदराबाद के चिड़ियाघर में भरा पानी

नई दिल्ली, 30 सितंबर। आमतौर पर जुलाई से सितंबर तक खत्म हो जाने वाला मानसून  इस बार जाने का नाम नहीं ले रहा है। इस मानसूनी बारिश के कारण देश के कई राज्यों में बाढ़ का कहर जारी है। महाराष्ट्र के कई जिलों में सामान्य जनजीवन प्रभावित हो गया है। तेलंगाना की मुसी नदी में भी  जलस्तर बढ़ने से बाढ़ के हालात बन गए हैं। नदी के आसपास के इलाके में लोगों को आगाह कर दिया गया है। दरअसल इस नदी में ओस्मानसागर और हिमायत सागर जलाशयों (reservoirs) से लगातार पानी आ रहा है। हैदराबाद ट्रैफिक पुलिस ने बुधवार को मूसारामबाग पुल को दोबारा खोल दिया। वहीं बिहार की उप मुख्यमंत्री रेणु देवी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन कर बाढ़ पीड़ितों के लिए सहायता की मांग की है।

महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का कहर 

महाराष्ट्र में इस मानसून में अब तक 436 लोगों की जान जा चुकी है और बड़ा आर्थिक नुकसान भी चुका है। जबकि बारिश का दौर अभी भी जारी है। मुंबई सहित महाराष्ट्र के ज्यादातर हिस्सों में मूसलाधार बारिश का दौर बुधवार को भी जारी रहा और गुरुवार को भी जारी रहने की संभावना है। पिछले तीन दिनों से मराठवाड़ा और विदर्भ में हो रही बारिश के कारण 15 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बारिश के इस चरण को गुलाब चक्रवात का असर बताया जा रहा है। इस वर्ष के मानसून में एक जून से अभी तक 436 लोगों की जान जा चुकी है और छह लोग लापता हुए हैं।

राज्य के राहत और पुनर्वास मंत्री विजय वडेट्टीवार के अनुसार, इनमें 196 की मृत्यु बिजली गिरने से हुई है। बाकी लोग बाढ़, घर गिरने, भूस्खलन आदि की चपेट में आने से मारे गए हैं। उनके अनुसार सिर्फ सितंबर माह में अब तक 71 लोगों की जान जा चुकी है। जबकि मानसून शुरू होने से पहले मई के अंत में आए टाक्टे तूफान में अरब सागर में एक बजरा डूब जाने से भी 86 लोग मारे गए थे।

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