राष्ट्रीय

बोरवेल में गिरे प्रह्लाद जिंदगी की जंग हारा…रविवार अल सुबह ने डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

भोपाल, 8 नवंबर। पिछले चार दिनों से बोरवेल में फंसे पांच साल के प्रह्लाद की मौत हो गई है। बोरवेल से निकालने के बाद प्रह्लाद को प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिसके बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। निवाड़ी जिले के सैतपुरा गांव में बुधवार सुबह बोरवेल में गिरे बच्चे प्रह्लाद को रविवार की सुबह करीब 3:30 बजे निकाल लिया गया था। बच्चे मौते के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दुख जताते हुए प्रहलाद के परिवार को 5 लाख का मुआवजा देने का एलान किया है।

करीब 90 घंटे की जद्दोजहद के बाद सेना और प्रशासन ने प्रह्लाद को बोरवेल से निकालने में सफलता हासिल की। प्रह्लाद को बचाने के लिए शासन-प्रशासन की तरफ से लगातार कोशिशें की जा रही थी, वहीं प्रह्लाद को लेकर प्रदेश की जनता भी दुआ मांग रही थी। बोरवेल से निकालने के प्रह्लाद को डॉक्टरों की एक टीम अपने साथ प्रथामिक स्वास्थ्य केंद्र ले गई थी। जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

सीएम शिवराज ने जताया दुख

मुझे अत्यंत दुःख है की निवाड़ी के सैतपुरा गांव में अपने खेत के बोरवेल में गिरे मासूम प्रहलाद को 90 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद भी बचा नहीं पाए। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और अन्य विशेषज्ञों की टीम ने दिन-रात मेहनत की लेकिन अंत में आज सुबह 3 बजे बेटे का मृत शरीर निकाला गया।

दुःख की इस घड़ी में, मैं एवं पूरा प्रदेश प्रहलाद के परिवार के साथ खड़ा है और मासूम बेटे की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है। सरकार द्वारा प्रहलाद के परिवार को 5 लाख का मुआवजा दिया जा रहा है एवं उनके खेत में एक नया बोरवेल भी बनाया जाएगा।

सीएम शिवराज ने जताया दुख

सीएम शिवराज ने जताया दुख

घटना का पहला दिन

4 दिन पहले बुधवार को निवाड़ी के पृथ्वीपुर सैतपुरा गांव में पांच साल का प्रहलाद बोरवेल में गिर गया था। जानकारी मिलने के बाद से ही प्रहलाद को बचाने के लिए पुलिस के साथ सेना भी मौके पर पहुंच चुकी थी। जहां जेसीबी मशीनों के द्वारा खुदाई कर बोरवेल के पास की मिट्टी हटाई जा रही थी और सुरंग बनाकर बच्चे को बचाने का प्रयास किया जा रहा था।

सीएम शिवराज की अपील

मैं उन सभी से करबद्ध प्रार्थना करता हूँ की जो भी अपने यहाँ बोरवेल बना रहे है, वो बोर को किसी भी समय खुला न छोड़े। पहले भी ऐसे अकस्मात में बहुत से मासूम अपने जीवन गंवा चूके है। आप सब भी कहीं अगर अपने आस-पास बोरवेल बन रहे हो तो उसे मज़बूती से ढँकने का प्रबंध करे और करवाये।

कैसे गिरा था प्रहलाद ?

प्रहलाद बुधवार की सुबह 9 बजकर 40 मिनट पर बोरवेल में गिरा था। बोरवेल ढका हुआ था, जैसे ही प्रहलाद ने उसे खोला वह उसमें गिर गया। प्रहलाद को बचाने के लिए बबीना से आर्मी की टीम रेस्क्यू करने पहुंच गई थी। बोरवेल के अंदर कैमरा भेजकर प्रहलाद की स्थिति जानने की कोशिश की जा रही थी।

ऑक्सीजन की जा रही थी सप्लाई

मामला बढ़ता देख कलेक्टर आशीष भार्गव और एसपी वाहिनी सिंह मौके पर पहुंचे थे। मिलिट्री की तरफ से कर्नल एके गौतम भी मौके पर मौजूद थे। अधिकारियों ने बताया कि रेस्क्यू के दौरान प्रहलाद की रुक-रुककर रोने की आवाज आ रही थी। जिसके बाद प्रहलाद को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही थी।

सेना और एनडीआरएफ की टीम मौक पर पहुंची

प्रहलाद को बचाने के लिए सेना और एनडीआरएफ की टीम मौक पर पहुंच गई है और प्रहलाद को बचाने के लिए लगातार रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा था

सीएम ने किया था ट्वीट

वहीं सीएम शिवराज ने टीट् करते हुए प्रहलाद को जल्द बाहर निकालने की प्रार्थना की थी। सीएम ने ट्वीट कर लिखा था कि प्रहलाद को बचाने के लिए स्थानीय प्रशासन के साथ सेना भी जुटी हुई है।

पूर्व सीएम का ट्वीट

सीएम के अलावा पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए लिखा था कि ओरछा के सेतपुरा में बोरवेल में एक मासूम बालक प्रहलाद के गिरने की जानकारी मिली है, मैं सरकार से मांग करता हूं कि प्रहलाद को बचाने के लिए हर संभव प्रयास किया जाए। उम्मीद है कि प्रहलाद शीघ्र ही सकुशल बाहर निकाल लिया जाएगा। उसकी सकुशल वापसी के लिये हम सभी मिलकर प्रार्थना करें।”

घटना का दूसरा दिन

घटना की रात को लखनऊ से एनडीआरएफ की टीम निवाड़ी पहुंची थी। वहीं एसडीआरएफ दूसरे दिन मौके पर पहुंची थी। घटना के दूसरे दिन तक प्रहलाद को निकालने की कोशिश लगातार जारी थी, प्रहलाद को निकालने के लिए 24 घंटे रेस्क्यू जारी रहा, वहीं जानकारी मिलने के बाद टीकमगढ़ सांसद वीरेंद्र खटीक और निवाड़ी विधायक अनिल जैन मौके पर पहुंचे थे। जनप्रतिनिधि रात भर रुके थे। जहां उन्होंने मासूम के परिजनों से बात कर आश्वास दिया था, कि बच्चा सकुशल बाहर आ जाएगा।

तीसरे दिन कलेक्टर ने मौके पर लगाई धारा 144

घटना के तीसरे दिन भी प्रहलाद को बचाने की कवायद जारी रही। 60 फीट तक खुदाई करने के बाद रेलवे से टनल बनाने वाली मशीन बुलाई गई थी। साथ ही कलेक्टर आशीष भार्गव ने घटनास्थल पर धारा 144 लगा थी। प्रहलाद को बचाने के लिए कृषि मंत्री कमल पटेल हरदा के साई मंदिर गए थे। जहां उन्होंने मासूम को बचाने के लिए प्रार्थना की थी। वहीं प्रदेश भर में प्रहलाद के लिए दुआएं की जा रही थी।

चौथे दिन प्रशासन ने गांव में लगाई धारा 144

वहीं आज चौथे दिन प्रशासन ने पूरे गांव में धारा 144 लगा दी है। वहीं 4 दिन और 3 रातों की जद्दोजहद के बाद आज सुबह से प्रहलाद को बचाने के लिए हर मुमकिन कोशिश की जा रही थी, लेकिन प्रहलाद को नहीं बचाया जा सका। जिन्दगी और मौत की जंग से लड़ रहा प्रहलाद आखिरकार अपनी जिंदगी से हार गया, और उसकी मौत हो गई।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button