बेमौसम बारिश ने बिगाड़ा किसानों का मनोबल, गेहूं की फसल, नदी बाड़ी की खेती प्रभावित

रायपुर। आसमान में रह-रहकर छाए बादल बरस सकते हैं। बरसात का खतरा अभी टला नहीं है। मंगलवार से आसमान में बादल छा गए हैं। इसके 11 से 13 मार्च तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में हल्की से मध्यम बरसात की संभावना है। इससे मौसम में अभी ठंड बनी रहेगी। कहीं-कहीं पर गरज चमक के साथ ओले गिरने की आशंका है।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी से किसानों की चिंता बढ़ गई है। गेहूं, चना की फसल पहले हुई बरसात के कहर को झेल नहीं पाई। उससे भी काफी नुकसान हुआ है। सब्जी-भाजी को भी खासा नुकसान हुआ है। यदि फिर से बरसात होती है तो यह किसी खतरे से खाली नहीं है। गेहूं की फसल बर्बाद हो सकती है।
सोमवार को अधिकतम तापमान 23.0 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, वहीं न्यूनतम तापमान 10.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सुबह के समय नमी की मात्रा 100 फीसदी दर्ज की गई जो शाम को घटकर 62 फीसदी रह गई। हवा 3.7 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चली। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक आने वाले 24 घंटे में बादल छा सकते हैं। मौसम विभाग ने 13 मार्च तक प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ओलावृष्टि की भी आशंका जताई है।
होली के बाद फिर बारिश
पिछले दिनों रुक-रुककर हुई बारिश से मौसम ठंडा हो गया है। फरवरी- मार्च माह में बेमौसम बरसात के बाद एक बार फिर बरसात होने के आसार बन गए हैं। बरसात से गेहूं की फसल, नदी बाड़ी की खेती प्रभावित हुई है। मौसम अभी तक खुला नहीं है। मौसम विभाग की भविष्यवाणी की तरफ गौर किया जाए तो 11 व 12 मार्च को फिर से तेज हवाओं के साथ बरसात व ओलावृष्टि हो सकती है. यदि ऐसा हुआ तो गेहूं की फसल तबाह हो सकती है।
कृषि विशेषज्ञों की सलाह :
बरसात में गेहूं की फसल में पानी जमा हो जाता है। किसान कोशिश करें कि फसल में पानी जमा ना हो, उसकी निकासी करने का प्रबंध करे। यदि ज्यादा समय तक पानी जमा रहा तो उसका असर उत्पादन पर तो पड़ेगा ही साथ ही गेहूं की क्वालिटी पर भी असर पड़ेगा। दाना काला पडऩा शुरू हो जाएगा। यदि खेत ढलान पर नहीं हैं, गहरे हैं तो पाइप के माध्यम से पानी निकालने का इंतजाम करें। रबी सीजन के धान फसल को इस बारिश से लाभ होगा, लेकिन ओलावृष्टि होने पर नुकसान हो सकता है।