मंत्री अमरजीत भगत से खास साक्षात्कार…खाद्य विभाग हुआ दागमुक्त…कलाकारों को मिलेगा अब फिल्म सिटी का तोहफा

रायपुर। सधी हुई राजनीति में माहिर प्रदेश के संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत आज भूपेश बघेल के मंत्रिमंडल में एक अहम जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता होगा कि उन्होंने ये राजनीतिक बारीकियां अपने कॉलेज लाइफ को पूरा करने के बाद जब वे LIC एजेंट बने, तब सीखा। अमरजीत भगत ‘जनता की आवाज़’ से बात करते समय उन्होंने एक LIC एजेंट से लेकर मंत्री बनने तक के सफर के दौरान आए उतार चढ़ाव व चुनौतियों को बेबाक़ी के साथ साझा किया। वर्तमान में मंत्री अमरजीत के पास खाद्य विभाग, संस्कृति विभाग एवं आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग भी है।
दागदार खाद्य विभाग को किया दागमुक्त
29 जून 2019 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार में अमरजीत भगत ने 13वें मंत्री के रूप में शपथ लिया। उन्हें खाद्य, नागरिक आपूर्ति व उपभोक्ता संरक्षण, संस्कृति, योजना व सांख्यिकी विभाग मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया। इस एक वर्ष में अमरजीत भगत ने अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुए, छत्तीसगढ़ सरकार के अनेक निर्णयों को क्रियान्वित करने में सक्रिय योगदान दिया। उनका संकल्प है कि छत्तीसगढ़ में कोई भूखा न सोए, जिसे पूरा करने के लिये उन्होंने लगातार कार्य किया। लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है कि नहीं मिल रहा देखने के लिये खुद उनके बीच गए। कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिये लगाए गए लॉकडाउन के दौरान खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण रही। इस दौरान 57 लाख अन्त्योदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन राशन कार्डधारियों को 3 माह अप्रैल, मई एवं जून का चावल निःशुल्क वितरण किया गया। इन राशन कार्डधारियों को माह -अप्रैल में 2 माह अप्रैल एवं मई का खाद्यान्न शक्कर, नमक एकमुश्त वितरण किया गया है। इसके अतिरिक्त उपरोक्त राशनकार्डधारियों को अप्रैल से जून तक निःशुल्क 5 किलो प्रति सदस्य अतिरिक्त खाद्यान्न प्रदाय किया गया।
राज्य के सभी निवासियों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर 2 अक्टूबर 2019 से सार्वभौम पीडीएस का शुभारंभ किया गया। सार्वभौम पीडीएस के अंतर्गत सामान्य परिवारों (आयकरदाता एवं गैर आयकरदाता) को भी खाद्यान्न प्रदाय किया जा रहा है।
लॉकडाउन के दौरान 42.520 बीपीएल राशनकार्ड एवं 30,519 एपीएल राशनकार्ड कुल 73,039 नवीन राशनकार्ड जारी किये गये। अन्तोयदय, प्राथमिकता, एकल निराश्रित तथा निःशक्तजन राशन कार्डधारियों को लॉकडाउन के दौरान चावल के साथ-साथ पौष्टिक चना भी निःशुल्क वितरित किया गया। अन्य राज्यों से आए श्रमिकों, गरीब, निराश्रितों में से 28.15 लाख लोगों को गरम भोजन एवं 31.81 लाख लोगों को सूखा राशन प्रदान किया गया।
अपने एक साल के कार्यकाल को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि उनके सामने कई उतार-चढ़ाव आए। मंत्री ने कहा कि उन्हें जिस विभाग की कमान सौंपी गई थी, वो दागदार था और उनके सामने यही सबसे बड़ी चुनौती थी। नान घोटाले से लेकर कई भ्रष्टाचार के मामले इस विभाग से जुड़े थे। अमरजीत भगत ने बताया कि कोरोना संकट में भी खाद्य विभाग ने बेहतर काम किया है। शासन ने लोगों की जरूरतों का ख्याल रखा और उन्हें हर संभव मदद पहुंचाई है। कोई भूखा न रहे इसकी भी व्यवस्था की गई है। एक-एक व्यक्ति के लिए राशन कार्ड बनाए गए। बिना राशन कार्ड वालों को भी खाद्य सामग्री मुहैया कराई गई। ऐसे तमाम काम विभाग की ओर से किए गए, जिससे विभाग की छवि पहले से काफी बेहतर हुई है।
मंत्री अमरजीत भगत का दावा है कि मंत्री बनने के बाद उन्होंने पूरी कोशिश की है कि विभाग को दाग मुक्त किया जाए और इसके लिए लगातार प्रयास भी किये गए। अमरजीत का दावा है कि आज मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व और उनके प्रयास की वजह से ये विभाग काफी हद तक दागमुक्त हो पाया है।
किसानो को मिलेगा बीज
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जनता की आवाज से अपने साक्षात्कार में कहा कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के लिए बीज का भंडारण कर लिया गया है। मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया है कि किसानों को दिक्कत ना हो, इसके लिए सभी व्यवस्थाएं कर ली जाए। मंत्री ने कहा कि इसी कड़ी में उनके प्रभार जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर व्यवस्थाओं पर नजर डाली जा रही है। किसानों को बीज की दिक्कत नही होगी।
राजीव गांधी न्याय योजना की अगली किश्त
छत्तीसगढ़ में धान के समर्थन मूल्य पर विपक्ष ने सरकार को घेरा था। जिसके बाद राज्य शासन ने राजीव गांधी न्याय योजना के तहत अंतर की राशि देने की पहल शुरू कर दी। जिसमें एक किश्त किसानों को दिया जा चुका है। अब अगले किश्त के लिए 20 अगस्त को किसानों को धान के समर्थन मूल्य के अंतर की राशि दी जाएगी, जिसकी तैयारी भी पूरी कर ली गई है।
विपक्ष को करारा जवाब
राज्य सरकार को विपक्ष के द्वारा लगातार घेरे जाने के सवाल पर अमरजीत भगत ने कहा कि विपक्ष को चाहिए कि वे दूसरे राज्य में जाकर वस्तु स्थिति का आकलन करें और उसके बाद छत्तीसगढ़ में किए कार्यों को लेकर सवाल उठाए। भगत ने केंद्र सरकार पर ही सवाल दागते हुए कहा कि एक ओर केंद्र सरकार 20 लाख करोड़ रुपए देने की घोषणा करती है। लेकिन एक भी रकम किसी को अब तक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने स्पीक ऑफ इंडिया कार्यक्रम चलाकर केंद्र सरकार से मांग किया था कि व्यापारी, उद्योगपति और आम जनों को राहत पहुंचाने के लिए नगद राशि केंद्र सरकार द्वारा ₹10 हजार दिया जाए, लेकिन सरकार केवल घोषणाओं के अलावा कुछ नहीं किया। वही आर्थिक मंदी के कारण कई उद्योग धंधे भी बंद हो गए। लेकिन केंद्र सरकार द्वारा कोई मदद के लिए हाथ नहीं बटाया गया। यहां तक कि उद्योगपति और व्यापारियों ने फैक्ट्री और बंद पड़े उद्योग को चलाने के लिए ऋण की मांग की लेकिन केंद्र सरकार ने अब तक कोई पहल नहीं किया है। मंत्री ने कहा की वही केंद्र सरकार की नाकामी के बाद भी प्रदेश शासन ने सभी वर्गों के लोगों को हर संभव सहायता करने का प्रयास किया और यही कारण है कि इस लॉकडाउन के बीच भी प्रदेश में आर्थिक मंदी दिखाई नहीं दी। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्ष केवल राजनीति करना और बयानबाजी करना जानती है, लेकिन सब के साथ खड़े होकर उनकी सहायता करने में वह काफी पीछे है। राजनीति में केवल बयानबाजी करना ही सबसे बड़ी बात नहीं है। विपक्ष को राज्य सरकार की वास्तविकता पर नाज होना चाहिए।
भरपूर खाद्यान्न स्टॉक
लॉकडाउन में खाद्य विभाग ने लोगों की सहायता के लिए बहुत सारे काम किए हैं, जिसे लेकर मंत्री का कहना है कि खाद्यान्न को लेकर प्रदेश के किसी भी नागरिक को कोई दिक्कत नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर सभी वर्ग के लिए राशन कार्ड उपलब्ध कराया गया है। यह प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां सभी वर्गों को राशन कार्ड दिया गया है,ताकि किसी को भी अन्न के लिए भटकना न पड़े।
केंद्र ने बढ़ाया टारगेट
छत्तीसगढ़ में धान का बंपर आवक इस बार हुआ है। यानी कि किसानों के द्वारा लगभग 31 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उत्पादन किया गया है, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा केवल 24 लाख मैट्रिक टन धान लेने की बात की गई थी। जिसे लेकर मुख्यमंत्री ने केंद्रीय खाद्य मंत्री को पत्र भी लिखा था कि छत्तीसगढ़ से 31 लाख मैट्रिक टन धान की खरीदी केंद्र द्वारा की जाए, लेकिन केंद्र ने मुख्यमंत्री के पत्र के जवाब में 31 के बजाय 28 लाख मैट्रिक टन धान का कोटा बढ़ाने केंद्र ने सहमति दे दी है। जो प्रदेश के लिए अच्छी बात है।
छत्तीसगढ़ में बनेगी फिल्मसिटी
आज प्रदेश के अधिकांश कलाकार आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं। हताशा और मायुसी छॉलीवुड के कलाकारों पर हावी है। छालीवुड कलाकारों को लेकर अमरजीत भगत ने कहा कि भाजपा के रमन शासनकाल में एक करीना कपूर खान को राज्योत्सव के दौरान 3 करोड़ का भुगतान किया था, जबकि कांग्रेस काल में भी अनेक आयोजन किये गए, लेकिन सभी कार्यक्रमों में प्रदेश के कलाकारों को मौका दिया गया। निसन्देह ये उन कलाकारों के लिए मील का पत्थर है। आगे मंत्री अमरजीत ने बताया कि छत्तीसगढ़ में फिल्म सिटी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। लगभग 300 एकड़ में इस फिल्म सिटी का निर्माण कराया जाएगा, जिससे देश-विदेश के लोग यहां पर आकर शूटिंग कर सकें। इससे रोजगार तो मिलेगा ही, साथ ही प्रदेश का विकास भी होगा।