राज्य में मनरेगा की तेज रफ्तार है जारी…लेबर बजट बढ़ाने भारत सरकार को लिखा पत्र
रायपुर, 29 दिसंबर। छत्तीसगढ़ में मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) कार्यों की तेज चाल को देखते हुए पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर मनरेगा आयुक्त ने चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए लेबर बजट बढ़ाने भारत सरकार को पत्र लिखा है।
प्रदेश के कुछ जिलों ने चालू दिसम्बर माह में ही पूरे वित्तीय वर्ष (मार्च-2022 तक) के लिए निर्धारित लक्ष्य से अधिक रोजगार सृजन कर लिया है। वहीं कुछ जिले वर्ष भर का लक्ष्य इसी महीने में ही हासिल करने के करीब हैं।
मनरेगा आयुक्त मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय में संचालक, मनरेगा को पत्र लिखकर दो करोड़ 39 लाख मानव दिवस का अतिरिक्त लेबर बजट स्वीकृत करने का आग्रह किया है। वित्तीय वर्ष की शुरूआत में केंद्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के लिए 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस का लेबर बजट मंजूर किया गया था। राज्य के प्रस्ताव को हरी झंडी मिलने पर इस वर्ष के लिए संशोधित लेबर बजट 15 करोड़ 89 लाख मानव दिवस हो जाएगा।
राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक रोजगार
चालू वित्तीय वर्ष मे अब तक राजनांदगांव जिले में सर्वाधिक 87 लाख 25 हजार मानव दिवस रोजगार का सृजन किया गया है। तो वहीं नारायणपुर जिले में सबसे कम मात्र 3 लाख 63 हजार मजदूरों को रोजगार दिया गया। प्रदेश में मनरेगा के अंतर्गत चालू वित्तीय वर्ष के लिए स्वीकृत 13 करोड़ 50 लाख मानव दिवस के विरूद्ध अब तक नौ करोड़ 15 लाख मानव दिवस से अधिक का रोजगार सृजन किया जा चुका है।
पिछले वित्तीय वर्ष 2020-21 में जनवरी, फरवरी और मार्च माह में सृजित मानव दिवस के आधार पर इस बार वित्तीय वर्ष की समाप्ति पर 15 करोड़ 89 लाख मानव दिवस रोजगार सृजन की संभावना है। इसे देखते हुए गांवों में रोजगार के पर्याप्त अवसर मुहैया कराने राज्य सरकार द्वारा लेबर बजट में वृद्धि का प्रस्ताव केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को भेजा गया है।
मानव दिवस का रोजगार किन जिलों में कितना
कबीरधाम जिले में 66 लाख 51 हजार।
बलौदाबाजार-भाटापारा में 51 लाख 73 हजार।
रायगढ़ में 48 लाख 52 हजार।
महासमुंद में 45 लाख 95 हजार।
बिलासपुर में 41 लाख 48 हजार।
सूरजपुर में 40 लाख 82 हजार।
कोरिया में 40 लाख 78 हजार।
धमतरी में 39 लाख 15 हजार।
गरियाबंद में 37 लाख 53 हजार।
जांजगीर-चांपा में 35 लाख 32 हजार।
कांकेर में 32 लाख 93 हजार।
बालोद में 31 लाख 38 हजार।
जशपुर में 31 लाख 10 हजार।
मुंगेली में 30 लाख 95 हजार।
बलरामपुर-रामानुजगंज में 29 लाख 53 हजार।
रायपुर में 28 लाख 50 हजार।
कोरबा में 27 लाख 35 हजार।
सरगुजा में 26 लाख 33 हजार।
गौरेला-पेंड्रा-मरवाही में 20 लाख 66 हजार।
बेमेतरा में 20 लाख 54 हजार।
सुकमा में 20 लाख।
कोंडागांव में 19 लाख 30 हजार।
दुर्ग में 17 लाख 69 हजार।
बीजापुर में 14 लाख 42 हजार।
बस्तर में 13 लाख 40 हजार।
दंतेवाड़ा में 12 लाख 54 हजार।
नारायणपुर जिले में 3 लाख 63 हजार।