राष्ट्रवादियों की आवाज़ को इंदिरा गांधी नहीं रोक पायीं, इनकी क्या बिसात : भाजपा
0 चौबे की पत्रवार्ता, कांग्रेस के ट्वीट और ईओडब्ल्यू पहुँचने पर भाजपा प्रवक्ता उपासने का तीखा पलटवार
रायपुर, 7 जुलाई। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता सच्चिदानंद उपासने ने प्रदेश सरकार को चुनौती दी है कि वह गीदड़ भभकियां देने की अपनी आदत से बाज आकर उस काले चिठ्ठे को खोले, जिसकी बात प्रदेश के एक मंत्री रवींद्र चौबे ने मंगलवार को पत्रकार वार्ता में कही है। श्री उपासने ने कहा कि अब तक एक भी मामले में भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर आरोप सिद्ध नहीं कर पाने वाली प्रदेश सरकार सिर्फ़ हवा में पत्थर उछालने की शर्मनाक राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि दुर्भावना और प्रतिशोध की राजनीति के तहत गठित हर एसआईटी पर मुँह की खाने वाली भूपेश सरकार और कांग्रेस अब सीधे-सीधे अभद्रता और बदजुबानी पर उतर आयी है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि जिस सरकार के मुख्यमंत्री जेब में झीरम के सबूत लेकर घूमने की सिर्फ़ बातें ही करते रह गए हों और कांग्रेस के नेता आज तक उनसे सबूत तक पेश करने को कह तक नहीं सके हों, उस कांग्रेस और सरकार के मंत्रियों को इस तरह की शेखी बघारना शोभा नहीं देता। प्रदेश सरकार के पास पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह और पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के ख़िलाफ़ कुछ है नहीं और बातें वह धमकाने वाले अंदाज में कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस की ऐसी बातों से भाजपा को अपनी भूमिका और धारदार बनाने की ऊर्जा ही मिलेगी और कांग्रेस सरकार के जनविरोधी कृत्यों, कुनीतियों और बदनीयती के विरुद्ध उसका संकल्प दृढ़तर होगा। श्री उपासने ने तंज कसा कि जनहित के काम करने के बजाय प्रदेश सरकार ने अपने डेढ़ साल के शासनकाल में भाजपा और केंद्र सरकार के ख़िलाफ सिवाय प्रलाप करने के और कोई काम तो किया नहीं है, इसलिए जब पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह सरकार से उसके काम का हिसाब मांग रहे हैं, ब्ल्यू प्रिंट के बारे में पूछ रहे हैं तो कांग्रेस के नेता बौखलाकर और डर कर ईओडब्ल्यू में शिकायत करने पहुँच गए।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कांग्रेस के नेताओं को यह किसने अधिकार दिया कि वे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह को बोलने से रोकें? कांग्रेस का लोकतंत्र में ज़रा भी विश्वास होता तो उसके नेता इस तरह की अशिष्टता और असहिष्णुता का परिचय देकर असंसदीय आचरण नहीं करते। कांग्रेस द्वारा मंगलवार को कांग्रेस के ट्विटर हैंडल पर चलाए गए “#शट-अप रमन सिंह” को कांग्रेस के निरे अलोकतांत्रिक राजनीतिक चरित्र का परिचायक बताते हुए श्री उपासने ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह विपक्ष के सम्माननीय नेता हैं और साथ ही विधायक भी हैं, इस नाते प्रदेश सरकार से सवाल करना उनका लोकतांत्रिक हक़ है। प्रदेश सरकार उन्हें सवाल करने से रोकने के प्रयासों पर शर्म महसूस करे क्योंकि विपक्ष के सवालों का उत्तर देने के लिए वह लोकतंत्र में ज़वाबदेह है। अपने आईटी सेल में वेतनभोगी नौसिखियों की भर्ती कर कांग्रेस इस तरह की अशिष्टता करके लोकतांत्रिक परंपराओं को कुचलने के अपने “वामपंथी राजनीतिक चरित्र” को ज़ाहिर कर रही है। यह प्रदेश के सद्भावनापूर्ण राजनीतिक वातावरण में कटुता का विष घोलने की इंतिहा है। श्री उपासने ने कहा कि राष्ट्रवादियों को खामोश करने की कोशिश कांग्रेस में इंदिरा जी के ज़माने से जारी है। लेकिन जब ये तब सफल नहीं हो पाए, लाख उत्पीड़न के बावजूद हम कांग्रेस को तब उखाड़ फेंकने में सफल रहे थे, तो आज इन भ्रष्ट और धोखेबाज़ लोगों की क्या बिसात? उन्होंने कांग्रेस से सत्ता के अहंकार से परे प्रदेश हित में काम करने की चेतावनी दी है अन्यथा केंद्र की तरह यहां भी विपक्ष तक के लायक नहीं बचेगी कांग्रेस, यह तय है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री उपासने ने कांग्रेस नेताओं और प्रदेश के मुख्यमंत्री को खुली चुनौती दी कि वे पहले भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह पर एक भी आरोप सिद्ध करके बताएँ। सिर्फ़ आसमान पर थूकने का काम न करें। सबूत पेश करके झीरम के अपनी पार्टी के शहीद नेताओं को सम्मान नहीं दिला सकने वाली सरकार के मुखिया और उनके मंत्री बड़े बोल बोलने से पहले कुछ तो सोच-समझ लें। श्री उपासने ने कहा कि बदलापुर की राजनीति करने वाले सत्ताधीश एक आरोपी के कहने पर नान घोटाले का डेढ़ साल से रोना रो रहे हैं, एक चार्जशीटेड अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद सारे क़ायदे-क़ानून ताक पर रखकर संविदा नियुक्ति देकर पर्दे के पीछे भ्रष्टाचार का पोषण कर रहे हैं और चाहते यह हैं कि कोई उन पर उंगली न उठाए, कोई सवाल न करे। कांग्रेस का यह चरित्र इस बात का द्योतक है कि कांग्रेस डॉ. सिंह के सवालों से बुरी तरह डर गई है, बौखला गई है।