छत्तीसगढ

विद्यार्थियों को लाने 75 बसों के साथ कोटा के लिए रवाना, साथ में एम्बुलेंस, डॉक्टरों का दल, पुलिस व अधिकारियों का दल भी

0 मुख्यमंत्री ने कहा- छात्रों को रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर आज राजधानी रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड से राजस्थान के कोटा में लॉकडाउन के दौरान फंसे छात्र-छात्राओं को लाने 75 बसों को रवाना किया गया। बसों के साथ एम्बुलेंस सहित डॉक्टरों का दल भी भेजा गया है, ताकि कोटा से आने वाले छात्रों का स्वास्थ्य परीक्षण पश्चात उन्हें बसों से लाया जा सके। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा है कि रायपुर से कोटा की दूरी बहुत अधिक है। इसलिए छात्र-छात्राओं के भोजन व्यवस्था का भी ध्यान रखा गया है। साथ में एम्बुलेंस रहेगा तो रास्ते में अगर किसी की तबीयत खराब होती है तो तत्काल समुचित इलाज सहित देखरेख हो सकेगी। छात्रों को रास्ते में किसी तरह की परेशानी न हो, इसका पूरा ध्यान रखा गया है।

कोटा से आने वाले छात्र-छात्राओं की सुरक्षा के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नेतृत्व में पुलिस बल भी भेजा गया है। रायपुर से राजस्थान के कोटा तक आने जाने में सुविधा के लिए परिवहन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों का दल भी साथ में भेजा गया है। सभी बसों को सेनेटाईज किया जाएगा। छात्र-छात्राओं को बसों में सोशल डिस्टेसिंग के आधार पर बैठाया जाएगा और एक बस में निर्धारित क्षमता से आधी सीटों में छात्र-छात्राओं को बिठाया जाएगा। प्रत्येक बस में लगभग 25 छात्र बैठ सकेंगे। कोटा से छत्तीसगढ़ के लगभग 1500 छात्र-छात्राओं को वापस लाया जा रहा है। कोटा से आने वाले छात्र-छात्राओं के लिए लॉकडाउन के नियम और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाईजरी के पालन का भी ध्यान रखा जाएगा। इसके तहत उन्हें क्वॉरेंटाईन में रखा जाएगा और उनके स्वास्थ्य परीक्षण उपरांत स्वस्थ पाए जाने पर बच्चों को घर जाने की अनुमति दी जाएगी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गत दिवस केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह से छत्तीसगढ़ के छात्रों को कोटा से वापस लाने के संबंध में आग्रह किया था। मुख्यमंत्री श्री बघेल लॉकडाउन के दौरान अन्य राज्यों में फंसे श्रमिकों को सभी आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के साथ ही उन्हें छत्तीसगढ़ वापस लाने के संबंध में प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न राज्योें में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूरों को वापस लाने के लिए हम भारत सरकार से अनुमति मांग रहे है, जैसे ही सहमति बनती है, विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूरों को भी हम छत्तीसगढ़ लाएंगे।

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