समीर वानखेड़े की शिकायत पर SC आयोग ने ठाकरे सरकार को भेजा नोटिस, 7 दिनों में मांगा जवाब
मुंबई, 30 अक्टूबर। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (NCSC) ने शुक्रवार को एनसीबी के जोनल निदेशक समीर वानखेड़े द्वारा उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए लिखे पत्र पर महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा है। पत्र में सरकार से सात दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, जिसमें विफल रहने पर समन जारी किया जाएगा।
एनसीएससी के निदेशक एके साहू द्वारा गृह मंत्रालय के सचिव, महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी और मुंबई पुलिस आयुक्त को संबोधित पत्र में वानखेड़े के प्रतिनिधित्व पर प्रतिक्रिया मांगी गई है।
पत्र में कहा गया है, “राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को मीर ज्ञानदेव वानखेड़े से दिनांक 26.10.2021 की शिकायत/सूचना प्राप्त हुई है। इसमें आयोग ने शक्तियों के अनुसरण में मामले की जांच करने का निर्णय लिया है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत यह शक्ति प्रदान की गई है।”
इसमें कहा गया है, “आपसे अनुरोध है कि इस नोटिस की प्राप्ति से 7 दिनों के भीतर या तो फैक्स / डाक / ईमेल द्वारा या व्यक्तिगत रूप से रिपोर्ट प्रस्तुत करें।”
पत्र में आगे कहा गया है, “कृपया ध्यान दें कि यदि आयोग को निर्धारित समय के भीतर आपसे जवाब नहीं मिलता है, तो आयोग भारत के संविधान के अनुच्छेद 338 के तहत दीवानी अदालतों की शक्तियों का प्रयोग कर सकता है और आपके लिए समन जारी कर सकता है।”
वानखेड़े ने आयोग को पत्र लिखकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता और ठाकरे सरकार में मंत्री नवाब मलिक द्वारा किए गए “खुलासे” के बाद उत्पीड़न का आरोप लगाया था। मंत्री ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े एक मुस्लिम थे और उन्होंने अनुसूचित जाति से होने का दावा करते हुए आईआरएस की नौकरी हासिल की थी। मलिक ने आरोप लगाया था कि वानखेड़े के पिता का नाम दाऊद था न कि ज्ञानदेव। वानखेड़े ने सभी आरोपों से इनकार किया है।
इस बीच, एनसीबी की सतर्कता टीम ने शुक्रवार तक आठ लोगों के बयान दर्ज किए थे। टीम वानखेड़े के खिलाफ क्रूज जहाज पर छापेमारी के संबंध में आरोपों के बाद जांच कर रही है, जहां से अभिनेता शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को गिरफ्तार किया गया था।