छत्तीसगढ

सोशल डिस्टेंसिंग का पाठ पढ़ा कर रहीं जागरूक: आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर सर्वे कर बांट रहीं रेडी टू ईट पौष्टिक आहार

केन्द्र में नामांकित बच्चों का उनके घर जाकर पूछ रहीं हाल

रायपुर। कोरोना वायरस के समुदाय में संक्रमण को रोकने और कोरोना रोगियों की पहचान के लिए मदद देने का कार्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कर रही हैं। राजधानी के शहरी इलाके के घर-घर भ्रमण कर ये कार्यकर्ता ना सिर्फ कोरोना वायरस के संक्रमण के लक्षणों और इससे बचाव के उपायों के प्रति लोगों को जागरूक कर रही हैं बल्कि जरूरतमंद लोगों तक रेडी टू ईट पहुंचाने का कार्य भी कर रही हैं।

कोरोना वायरस के संक्रमण से उत्पन्न इस संकट में भी न डरने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एक योद्धा की तरह सुरक्षा के उपायों को अपनाकर काम पर निकल रही हैं । 20 मार्च से 24 अप्रैल 2020 के मध्य राजधानी के शहीद चूड़ामणी वार्ड 38 क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं सुमन यादव, रूखमणी साहू, शीतल, रेणु गजभिये रोजाना देर शाम तक अपने घर परिवार की परवाह किए बगैर लगभग 10,000 घरों का भ्रमण अब तक कर लिया है। सर्दी-जुकाम या इस तरह के लक्षण दिखाई देने वालों की पहचान भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किए बगैर कर रही हैं। संक्रमित क्षेत्रों में घर-घर जाकर वे कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में समुदाय को बता रही हैं। सूखा खांसी, सांस लेने में तकलीफ, हांफना व बुखार आने जैसे लक्षणों की पहचान कर इसकी अद्धतन जानकारी स्वास्थ्य अधिकारियों तक पहुंचा रही हैं। इतना ही नहीं जरूरतमंदों को घर-घर जाकर पौष्टिक आहार रेडी टू ईट बांट पूरी मुस्तैदी से अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं, ताकि हितग्राहियों के दैनिक पोषण आहार की पूर्ति हो सके।

महामारी संक्रमण से बचाएगा सोशल डिस्टेंसिंग- अपने दायित्व को पूरा करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता छोटे बच्चों को कविता-कहानी के माध्यम से जरूरी शिक्षा घर पर देने के लिए अभिभावकों को भी निरंतर प्रेरित कर रही हैं। इसके साथ ही लॉकडाउन के दौरान सोशल डिसटेंसिंग को कारगर मानते हुए महामारी के संक्रमण के फैलाव को रोकने लोगों में सोशल डिस्टेंसिंग के प्रति जागरूकता लाने का कार्य कर रही हैं। घर से बाहर नहीं निकलने, बाहरी व्यक्ति से नहीं मिलने, लोगों को अपने घर पर नहीं बुलाने, हाथों को साबुन से कुछ अंतराल में धोते रहने, मास्क या कपड़ा मुंह पर बांधकर ही घर के बाहर निकलने, खांसने और छींकते वक्त मुंह पर कपड़ा रखने जैसी जानकारी देकर लोगों को जागरूक कर रही हैं।

आंगनबाड़ी से होती है मां और बच्चों की देखभाल – आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुमन यादव के मुताबिक शिशुवती, गर्भवती समेत सभी माता और बच्चे की संपूर्ण देखभाल आंगनबाड़ी केन्द्र के माध्यम से होता है। वहीं 0 से 5 साल के बच्चों को स्कूली शिक्षा के पूर्व की शिक्षा और पूरक पोषण आहार भी आंगनबाड़ी केन्द्रों से प्रदान की जाती हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए जन्मपूर्व और प्रसवपूर्व देखभाल सुनिश्चित करने के साथ-साथ नवजात शिशुओं और माताओं के स्वास्थ्य समस्याओं का निदान और देखभाल भी किया जाता है। जिन लोगों को अस्पतालों, स्वास्थ्य केन्द्रों की आवश्यकता होती है, उन्हें मदद भी पहुंचाई जाती है। सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों के साथ मिलकर पोषण और स्वास्थ्य शिक्षा, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य जांच और रेफरल सेवाएं प्रदान की जाती हैं। टीकाकरण के लिए प्रेरित करने का कार्य भी आंगनबाड़ी केन्द्रों में होता है।

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