छत्तीसगढ

रायपुर, 30 सितंबर। पटवारी भी राज्य में बढ़ती बेरोजगारों की श्रेणी में खड़ा है। दरअसल, छत्तीसगढ़ के प्रशिक्षु पटवारियों ने गुरुवार को अपनी नियुक्ति की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इन वर्षों में उचित प्रशिक्षण के बाद भी नौकरी नहीं मिली। हड़ताली प्रशिक्षु पटवारियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उन्होंने जल्द ही नौकरी की व्यवस्था नहीं की तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।

एक साल की जगह ली 3 साल की ट्रेनिंग

हड़ताल पर बैठे पटवारी विष्णु वर्मा ने कहा कि एक साल का प्रशिक्षण होता है, लेकिन पिछले तीन साल से प्रशिक्षण कर रहे हैं, बावजूद अभी तक नियुक्ति नहीं दिया। 2018 में वित्त विभाग से अनुमति मिली थी। 250 पोस्ट के लिए लगभग एक लाख लोगों ने आवेदन भरा था। नियुक्ति नहीं मिलने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।

सरकार की लापरवाही से चला दो साल प्रशिक्षण

प्रशिक्षु पटवारी विष्णु वर्मा ने बताया कि राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग में राज्य के 14 जिलों में पटवारी के लिए 250 पोस्ट पर चयन के लिए वित्त विभाग की अनुमति 2018 में मिल गई थी। व्यापम ने 2019 को नोटिफिकेशन जारी किया। रिजल्ट मैरिट के आधार पर विभिन्न जिलों में काउंसलिंग के बाद राज्य के तीन पटवारी प्रशिक्षण शाला रायपुर, बिलासपुर और राजनांदगांव में 250 प्रशिक्षुओं पटवारी का प्रशिक्षण एक वर्ष के लिए 2019 में आरंभ हुआ, लेकिन शासन की लापरवाही के कारण यह प्रशिक्षण दो वर्षों तक चला। लगातार ज्ञापन सौंपने के बाद 2021 में एग्जाम कराया गया, लेकिन अभी तक पोस्टिंग नहीं दी गई है।

भटका रही है सरकार

प्रशिक्षु हड़ताली पटवारियों का आरोप है कि शासन अब उन्हें घुमा रहा है। कहा जा रहा है कि वित्त विभाग की अनुमति नहीं हैं, इसलिए नियुक्ति नहीं दी जा रही है। सभी जिलों के कलेक्टर्स का कहना है कि आयुक्त के परमिशन के बगैर पोस्टिंग नहीं दे सकते। आयुक्त से बातचीत की तो आयुक्त ने कहा कि वित्त विभाग से जब तक परमिशन नहीं मिल जाता, तब तक पोस्टिंग नहीं दिया जाएगा। इस तरह रिजल्ट जारी होने के बाद भी नियुक्ति नहीं दी जा रही है।

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