छत्तीसगढ

भाजपाई भूपेश फोबिया से ग्रसित: घनश्याम तिवारी

रायपुर, 8 जुलाई। 15 वर्षों के कुशासन से सत्ता गंवा चुकी भाजपा हार की वजह से खेमों में बंट चुकी है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह समेत भाजपाईयो को इन दिनों भूपेश फोबिया हो चला है।

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी वरिष्ठ प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि, छत्तीसगढ़ के गरीब किसानों को धोखा देने वाले और गरीब बेरोजगारों को जेल भेजने वाले रमन सिंह आपको गाँव, गरीब, किसान और बेरोजगारी पर बोलने का नैतिक अधिकार नहीं रहा।

कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि, 15 वर्षो में प्रदेश के जल,जंगल,जमीन उद्योगपतियों के हाथों बेचने वाले छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा करने की बात कर रहें है। भाजपा फर्जी चिटफंड कंपनीयो के मददगार बनकर प्रदेश के जनता से करोड़ो रूपये लुट लिये, और युवा बेरोजगार एजेंट को जेल भेज दिया। नान घोटाला में प्रदेश के लाखों गरीबों के हक का राशन चोरी कर गरीबों की थाली से अनाज छिना गया, रमन सिंह आज सत्ता हाथ से छीन जाने पर जनप्रेम का दिखावा कर रहे हैं।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि, आदिवासियों के साथ किये गये अन्याय ज़मीनों को छीनकर बड़े उद्द्योग घराने को सौपा गया, फर्जी नक्सली मुठभेड़ बताकर सैकड़ो ग्रामीण आदिवासियों की हत्त्या की गयी। आदिवासी छात्रावास में नाबालिकों से अनाचार होता रहा, यह सब प्रदेश की जनता ने देखा है, उस भयावह दर्द को आदिवासियों ने महसूस किया है..रमन सिंह जी क्या यह थी, छग महतारी की सेवा?

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता घनश्याम राजू तिवारी ने कहा कि,भूपेश सरकार की श्रेष्ठता राष्ट्रव्यापी प्रदर्शित हो चुकी है, किसानों के धान का 25 सौ रु प्रति क्विंटल खरीदने वाला देश का एक मात्र राज्य है, मनरेगा में सर्वाधिक दिन रोजगार या लघु वनोपज संग्रहण पर प्रथम स्थान।

प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि, भूपेश सरकार ने आज रमन सरकार में छीने गये आदिवासीयो की जमीन को वापस लौटाया है। किसानों से किये गए वायदों पर धान 25 सौ रु के दाम लीये जा रहे हैं। तेंदूपत्ता की क़ीमत 25 सौ रु से बढ़ाकर 4 हज़ार कर दिया गया है । घरेलु उत्पाद बिजली बिल पर 50 प्रतिशत की छूट दी जा रही है। प्रदेश में किसान सुखी और आर्थिक रूप से मजबूत हो रहा है, ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिये ऐतिहासक फैसले लिए जा रहे है ऐसे अनेक उदाहरण है।

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