रावघाट रेल लाइन परियोजना:ट्रेन की हर बोगी में एके-47 के साथ स्पेशल कमांडो सुरक्षा के लिए होंगे तैनात, इसके लिए 900 को दी जाएगी ट्रेनिंग
बालोद, 18 फरवरी। बालोद, भिलाई दुर्ग, रायपुर, बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर सहित प्रदेश के कई जिलों के लिए महत्वपूर्ण रावघाट रेललाइन परियोजना के तहत जगदलपुर रूट पर ट्रेन शुरू होने के बाद यात्रियों की सुरक्षा के लिए प्रत्येक बोगी में स्पेशल कमांडो तैनात किए जाएंगे।
इसके लिए 900 कमांडों को स्पेशल ट्रेनिंग देने का प्लान बनाया गया है। जिनकी ड्यूटी अलग-अलग स्थानों में लगाई जाएगी। चीफ स्टेशन मास्टर पीके वर्मा ने बताया कि रावघाट रेललाइन बालोद, प्रदेश ही नहीं बल्कि बीएसपी व देशभर के लिए महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, स्वाभाविक है अंतागढ़ के आगे नक्सल क्षेत्र होने के कारण यात्रियों की सुरक्षा के इंतजाम भी तगड़ी रहेगी।
वर्तमान में भी केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। जब ट्रेन चलेगी तो अतिरिक्त जवान और आएंगे। बिलासपुर जोन के उच्च अफसर काम की मॉनिटरिंग करने के साथ सुरक्षा व्यवस्था भी बना रहे हैं। अंतागढ़ तक पटरी बिछ चुकी है। आगे काम शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट बीएसपी के लिए महत्वपूर्ण है।
235 किमी दल्लीराजहरा से जगदलपुर तक रेललाइन यानी पटरी बिछाना प्रस्तावित है।
95 किमी के पहले चरण के लिए 1142 करोड़ की मंजूरी मिली थी।
140 किमी के दूसरे चरण के लिए 2500 करोड़ की स्वीकृति मिली है।
100 करोड़ रुपए हाल ही में केंद्र शासन ने केंद्रीय बजट में परियोजना के लिए जारी करने का निर्णय लिया है।
सुरक्षा आरपीएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ जवानों के जिम्मे
नक्सल प्रभावित क्षेत्र में रेल ट्रैक बिछाने का काम पूरा कराने और ट्रेन चलाने के बाद यात्रियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी आरपीएफ, एसएसबी, सीआरपीएफ जवानों के जिम्मे है, यह सब चुनौतीपूर्ण है। भले ही आगे सब प्रक्रिया में है लेकिन रेलवे सुरक्षा बल ने यात्रियों की सुरक्षा की तैयारी को लेकर पहले से ही मंथन शुरू कर दिया है। ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा के लिए स्पेशल प्रशिक्षण प्राप्त किए कमांडो तैनात करने का निर्णय लिया है। राजहरा से रावघाट इलाके में नक्सलियों का प्रभाव उतना नहीं है, जितना उसके आगे जगदलपुर तक है। यानि रावघाट के बाद ट्रेन चलाना रेलवे के लिए आसान नहीं होगा। सुरक्षा व्यवस्था दुरूस्त करने की प्लानिंग बनी है।
2023 तक पटरी बिछाने का लक्ष्य निर्धारित किए हैं
रेललाइन निर्माण के लिए गठित कंपनी बस्तर रेलवे प्राइवेट लिमिटेड ने 2023 तक रेललाइन पूरा करने का लक्ष्य तय किया है। कंपनी की योजना अप्रैल 2018 में निर्माण कार्य शुरू करने की थी लेकिन निर्धारित समय में निर्माण शुरू नहीं हो पाया। परियोजना के लिए आधारशिला ही छह माह की देरी से 26 सितंबर 2018 को रखी गई। जगदलपुर से रावघाट तक 140 किलोमीटर लंबी पटरी बिछाने का काम लगभग 2538 करोड़ रुपए की लागत से होना प्रस्तावित है। यह रेललाइन बस्तर, कोंडागांव, नारायणपुर और कांकेर जिले से गुजरेगी। राजधानी रायपुर से जगदलपुर जाने के लिए महासमुंद-टीटलागढ़ रेल मार्ग से द्वी-साप्ताहिक ट्रेन का चलती है।
पहले चरण में बस्तर जिले में जमीन अधिग्रहण कर रहे
कुछ साल पहले परियोजना को पूरा करने केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीआरपीएफ की 13 बटालियन को भी सुरक्षा की जिम्मेदारी दी थी। जगदलपुर से कोंडागांव और कोंडागांव से रावघाट तक 70-70 किलोमीटर की लंबाई में बिछाई जाने वाली रेललाइन के लिए पहले चरण में बस्तर जिले में जमीन अधिग्रहण के लिए मुआवजा वितरण कर रहे हंै। दल्लीराजहरा से रावघाट तक 95 किमी तक अलग से काम चल रहा है।
प्रोजेक्ट व सुरक्षा को लेकर यह कह रहे
दोनों तरफ से ही पटरी बिछाने का काम चल रहा
रायपुर रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी शिवप्रसाद प्रवार ने बताया कि वर्तमान में पटरी बिछाने के पहले जितने भी जरूरी काम है, वह चल रहा है, ताड़ोकी से रावघाट और उधर जगदलपुर से रावघाट तक दोनों ओर पटरी बिछाने के लिए जरूरी कार्रवाई की जा रही है।
स्टेशनों व संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात रहेंगे
भानुप्रतापपुर रेलवे स्टेशन मास्टर जेके राव ने बताया कि ट्रेन शुरू होने के बाद सुरक्षा के लिहाज से प्रत्येक बोगी में जवान तैनात रहेंगे। इसके अलावा स्टेशनों व संवेदनशील क्षेत्रों में भी जवानों की ड्यूटी रहेगी। वैसे भी जब से ट्रेन का विस्तार दल्लीराजहरा से आगे हुआ है, सुरक्षा व्यवस्था भी बढ़ गई है। बाकायदा इसकी उच्च स्तर पर मॉनिटरिंग भी की जा रही है।
डौंडी से गुदुम तक हमारी टीम पेट्रोलिंग कर रही
बालोद एएसपी डीआर पोर्ते ने बताया कि ट्रेन शुरू होने के बाद से डौंडी से गुदुम तक सुरक्षा के लिहाज से हमारी टीम लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान भी तैनात है। फिलहाल यात्री ट्रेन बंद है। इसे लेकर गाइडलाइन का इंतजार किया जा रहा है।
आगे नक्सल क्षेत्र है तो जवानों की संख्या बढ़ेगी
रेलवे पुलिस के उप निरीक्षक सोमन कश्यप ने बताया कि आरपीएफ और जीआरपी के जवान सुरक्षा के लिहाज से हमेशा तैनात रहते है। अब आगे नक्सल क्षेत्र है तो जवानों की संख्या बढ़ जाएगी। पिछले साल उच्च अफसरों ने जानकारी दी थी। वैसे ट्रेन में न्यूनतम 20-25 जवान तैनात रहेंगे। बाकी स्टेशन, संवेदनशील में अलग से जवानों की तैनात होगी।