छत्तीसगढ़ के जंगल में शीर्ष माओवादी कमांडर अक्कीराजू ने तोड़ा दम, बस्तर के IGP ने की पुष्टि

रायपुर, 16 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ में CPI (Maoist) की केंद्रीय समिति के शीर्ष नेता अक्कीराजू उर्फ रामाकृष्ण की मौत 14 अक्टूबर को दक्षिण बस्तर के जंगल में बीमारी के कारण हो गई। यह जानकारी बस्तर के IGP सुंदरराज ने एएनआइ को दी। उन्होंने बताया कि इस बात की जानकारी CPIM की ओर से दी गई। पिछले दो सालों में दवाईयों की किल्लत की वजह से इसके 3 समिति सदस्यों की मौत हो गई है।
CPI (Maoist) said its Central Committee member Akkiraju alias Ramakrishna died of a disease in forests of South Bastar, Chhattisgarh on Oct 14. Crackdown on their supply network has led to death of 3 committee members due to lack of medicines in last 2 years:Bastar IG P Sundarraj pic.twitter.com/RKSXPRhexl
केंद्रीय समिति के शीर्ष नेता अक्कीराजू हरगोपाल उर्फ रामकृष्ण की मौत हो गई है। उसकी मौत छत्तीसगढ़ के जंगलों में हुई है। माओवादी अक्कीराजू के सिर पर एक करोड़ रुपये का इनाम था। पिछले कुछ समय से रामकृष्ण बीमार था। उसने 2004 के सितंबर में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ शांति वार्ता के लिए नल्लामाला जंगल से नक्सल टीम का नेतृत्व किया।
66 वर्षीय रामकृष्ण गुंटूर जिले के तुमरूपेटा का रहने वाला था। वह आंध्र प्रदेश और ओडिशा में सुरक्षा बलों के टारगेट पर था। वह माओवादियों का आंध्र-ओडिशा सीमा (एओबी) क्षेत्रों में लाल सलाम के माओवादियों को निर्देशित करने वाला मुख्य शख्स था।
वह दोनों राज्यों में प्रतिबंधित संगठन की ओर से किए गए कई जानलेवा हमलों और छापे का मास्टरमाइंड था। वह आंध्र, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के त्रिकोणीय सीमावर्ती क्षेत्रों में माओवादियों के लिए स्ट्रेटजी बनाने वाला शीर्ष नेता था। उसने PWG और MCCI के विलय और अन्य क्षेत्रों में इसके आधार का विस्तार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इसके अलावा 2008 के बालीमेला में हुए जानलेवा हमले में भी वह शामिल था, जिसमें 37 विशेष बल के जवान मारे गए थे, पूर्व केंद्रीय मंत्री डी पुरंदेश्वरी के ससुर दग्गुबाती चेंचू रमैया और मलकानगिरी कलेक्टर का अपहरण समेत तमाम बड़ी वारदातों को अंजाम दिया था।